अहमदाबाद : पुरानी कहावत है कि मुसीबत के दिनों में अपने भी साथ छोड़ देते हैं. यह बात दो साल पहले गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुआई करने वाले हार्दिक पटेल पर अब पूरी तरह फिट बैठ रही है. हिंसा के मामले को लेकर हार्दिक पटेल सहित 4 लोगों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मुकदमे में एक आरोपी केतन पटेल की सरकारी गवाह बनाने की अर्जी को एक स्थानीय अदालत ने आज मंजूर कर लिया . इस कारण अब हार्दिक की परेशानियां बढ़ना तय है.
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आपको बता दें कि जिला सत्र अदालत के जज एच एस वोरा की अदालत ने केतन की ओर से गत 27 जुलाई को दायर अर्जी को मंजूर कर लिया. इस बारे में केतन के वकील पंकज चौहाण के अनुसार इस आवेदन में केतन ने खुद को निर्दोष बताते हुए उन्होंने आरोपियों की सूची से हटाने और सरकारी गवाह बनाने का अनुरोध किया था. अब इस मामले में सिर्फ तीन ही आरोपी बचे है, केतन अब इसमें गवाह बन गए हैं. केतन ने आज पत्रकारों के समक्ष कहा कि वे किसी भी हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं था. वह केवल हार्दिक के साथ था, पर आंदोलन और अन्य गतिविधियों का संचालन पूरी तरह हार्दिक के ही हाथ में था.
गौरतलब है कि अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 25 अगस्त, 2015 को यहां जीएमडीसी मैदान पर हार्दिक के नेतृत्व में हुई विशाल आरक्षण रैली के बाद फैली व्यापक हिंसा के बाद 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिनमे पहले सूरत निवासी दो अन्य आरोपियों को छोड़ कर 4 पर ही आरोप लगाए गए थे. अपने एक अन्य साथी महेसाणा में संयोजक नरेन्द्र पटेल से मारपीट और लूटपाट के एक अन्य मामले में हार्दिक फिलहाल पाटन पुलिस की हिरासत में हैं. लेकिन पूर्व साथी केतन पटेल के सरकारी गवाह बनने से राजद्रोह के इस मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
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