ट्रेन में सफर करने वाले लोग ध्यान दें, रेलवे ने टिकट को लेकर कुछ नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जानने के लिए यहां क्लिक करें, परेशानी नहीं होगी।
रेलवे के आरक्षण फॉर्म में एक फरवरी से बदलाव हो रहा है। नए फॉर्म में दिव्यांगों और थर्ड जेंडर को पहचान देने के लिए कॉलम जोड़ा गया है। नए फार्म में शताब्दी और राजधानी के यात्री खाना लेने या नहीं लेने का विकल्प भी भर सकेंगे। अब तक ऐसा विकल्प न होने से शताब्दी और राजधानी के मुसाफिरों को खाने का शुल्क चुकाना पड़ता था।
दूसरी ओर, रिजर्वेशन होने के बावजूद ट्रेन मिस हो जाए तो टीटीई आपकी सीट अगले दो स्टेशन तक किसी को जारी नहीं कर सकता। ऐसे में आप अगले स्टेशन से ट्रेन पकड़कर उसमें सफर कर सकते हैं। वहीं अगर अगले दो स्टेशन पर ट्रेन नहीं पकड़ पाते तो टीटीई आपकी सीट आरएसी के यात्री को अलॉट कर सकता है।
अगर ट्रेन मिस हो गई तो आप टीडीआर फाइल कर सकते हैं, तब आपको बेस फेयर का 50 प्रतिशत वापिस मिल जाएगा। अगर टिकट गुम हो गई तो भी आप सफर कर सकते हैं। इसके लिए बोर्डिंग स्टेशन पर चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर को डुप्लीकेट टिकट जारी करने के लिए लिखित निवेदन करना होगा। निवदेन के साथ में आईडी कार्ड की कॉपी लगानी होगी।
सफर शुरू करने से 24 घंटे पहले ये काम करना होगा, तब सुपरवाइजर इंस्पेक्शन करने के बाद कुछ फीस लेकर टिकट जारी कर देगा। वहीं अगर गुम हुआ टिकट मिल जाता है तो आप डुप्लीकेट टिकट की फीस वापिस ले सकते हैं।
अगर आप किसी पक्षी को लेकर सफर करते हैं तो साथ में नहीं रख सकते। बल्कि उसे लगेज वैन में रखा जाएगा, क्योंकि पक्षी रेलवे की मालभाड़े की श्रेणी में आएगा। सफर के दौरान पक्षी की जिम्मेदारी उसके मालिक की ही होगी। पक्षी को साथ ले जाने के लिए पहले फॉर्म भरना पड़ेगा। कितने पिंजरे हैं, इसकी जानकारी भी देनी होगी। पक्षी के खाने-पीने का ध्यान भी मालिक को ही रखना होगा।
जान लें कि अगर आपको अपने डेस्टिनेशन वाले स्टेशन की बुकिंग नहीं मिली, इससे पहले वाले स्टेशन की मिली है तो भी आप अपने डेस्टिनेशन तक सफर कर सकते हैं। इसके लिए आपको टीटीई से संपर्क करना होगा। टीटीई एक्स्ट्रा फेयर लेकर टिकट जारी कर देगा। साथ में नया बर्थ अलॉट किया जाएगा।
अगर किसी वजह से ट्रेन कैंसिल होती है तो रेलवे फुल रिफंड देगा। अगर सफर पूरा नहीं होता, किसी वजह से बीच में ही रह जाता है और रेलवे कोई दूसरा ट्रांसपोर्ट उपलब्ध नहीं करा पाता तो यात्री फुल रिफंड ले सकते हैं। ऐसे में पैसेंजर को स्टेशन मास्टर के पास अपनी टिकट सरेंडर करनी होगी।