New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार के यंगून के श्वेदागोन पगोडा पहुंच चुके हैं। श्वेडागोन पगोडा बर्मा की राजधानी यांगोन में स्थित एक 105 मीटर ऊंचा सोने से ढका हुआ पगोडा और स्तूप है। यह कन्डोजी झील से पश्चिम में सिन्गुटरा पहाड़ी पर स्थित है।अभी अभी: UP में हुआ एक और बड़ा रेल हादसा, चारो तरफ मचा हाहाकार…
यह बर्मा का सबसे महत्वपूर्ण और शुभ पगोडा माना जाता है। इसमें पिछले पांच बुद्धों की कुछ यादगारें हैं जिनमें काकूसंध की छड़ी, कोणगमन की पानी की छन्नी, कश्यप के वस्त्र का एक अंश और गौतम बुद्ध के बालों के आठ रेशे आदि।
बता दें कि म्यांनमार में पीएम मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया और कहा कि उनकी सरकार ऐसे फैसले कर सकी, क्योंकि वह देश को राजनीति से बड़ा समझती है। मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के अलावा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक और एक जुलाई 2017 से लागू जीएसटी का भी जिक्र किया।
नोटबंदी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम कालेधन पर काबू पाने के लिए उठाया गया और इससे ऐसे लाखों लोगों की पहचान करने में मदद मिली, जो अपने बैंक खातों में करोड़ों रुपये रखते थे, लेकिन कभी आयकर नहीं देते थे।
उन्होंने कहा कि 2 लाख से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया, क्योंकि वे कालेधन के शोधन में शामिल थीं। प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए हमने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर रोक लगाई। कुछ भ्रष्ट लोगों के गलत कार्यों का खामियाजा 125 करोड़ लोग भुगत रहे थे। यह हमें स्वीकार्य नहीं था।’
उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई सुराग नहीं था कि कालाधन कहां से आ रहा था और कहां जा रहा था। नोटबंदी पर विपक्षी दलों के हमले की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने सरकार के इस कदम को उचित ठहराया। कांग्रेस ने नोटबंदी को पूरी तरह से नाकाम बताते हुए कहा था कि इससे भ्रष्ट लोगों को काफी फायदा हुआ।