नई दिल्ली: जियो के टेलीकॉम बाजार में आने के बाद से टेलीकॉम कंपनियों के बीच छिड़ी प्राइस वॉर अब शायद खत्म होती नजर आ रही है. एक रिसर्च के मुताबिक, अब आगे कंपनियां मोबाइल बिल कम नहीं करेंगी. ऐसे में यूजर्स को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि, पिछले कुछ महीनों में लगातार प्राइस कम होने के चलते उन्हें फायदा मिला था. आपकी कॉल्स फ्री हो गईं, डाटा सस्ता हो गया, कुल मिलाकर आपका मोबाइल बिल कम हुआ. मासिक मोबाइल बिल में हुई 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट के बाद अब बिल कम होने की संभावना कम है.
ज्यादा मिलेगा डाटा, आएंगे ऑफर्स
रेवेन्यू लॉस और मार्जिन प्रेशर झेल रहे टेलिकॉम ऑपरेटर्स प्लान्स को सस्ते करने की बजाए अधिक डाटा और आकर्षक ऑफर्स दे सकते हैं. पिछली पांच तिमाहिओं में जियो का मुकाबला करने के लिए भारतीय एयरटेल, आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया ने सस्ते टैरिफ का लाभ कस्टमर्स को दिया. आगे भी ऑफर्स की दौड़ में कंपनियां यूजर्स को फायदा पहुंचाती रहेंगी.
90% कम हुए मोबाइल बिल
काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में लोगों के मोबाइल बिलों में 90 प्रतिशत तक की कमी आई. पिछले साल के मुकाबले डाटा के लिए भी यूजर्स को कम में काफी डाटा मिला.
इतना हुआ कंपनियों को नुकसान
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, टैरिफ वॉर में जून 2016 से दिसंबर 2017 के बीच पुरानी कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन को सालाना रेवेन्यू में 9.5 बिलियन डॉलर (करीब 617.5 अरब रुपये) तक का लॉस हुआ. यही नहीं कस्टमर्स को मोबाइल फोन कंपनियों और टेलिकॉम ऑपरेटर्स की पार्टनरशिप से भी कैशबैक ऑफर्स जैसा फायदा हुआ.
रेट कम करने का विकल्प नहीं
केपीएमजी इंडिया के टेलिकॉम हेड मृत्युंजय कपूर के मुताबिक, ‘टेलिकॉम कंपनियों के लिए अब और रेट्स गिराने का विकल्प नहीं बचा है.’ जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में मोबाइल फोन यूजर्स को मासिक बिलों में अधिक से अधिक 10 से 15 प्रतिशत का फायदा ही होगा. हालांकि यूजर्स को अधिक डेटा जैसे ऑफर्स आने वाले दिनों में जरूर मिलेंगे.