नये साल में बजट से पहले मोदी सरकार आम आदमी को एक बड़ा तोहफा दे सकती है. यह तोहफा संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलेगा. 29 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में सरकार ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 को पास कराने की कोशिश करेगी. अगर इस सत्र में यह बिल पास हो जाता है, तो आपको 20 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिलने लगेगी. इसके साथ ही महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश की अवधि भी बढ़ाई जा सकेगी.
10 लाख है मौजूदा सीमा
मौजूदा समय में 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है. ग्रेच्युटी संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों को मिलती है, जो किसी कंपनी में 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए अपनी सेवा देते हैं. उन्हें ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने पर या फिर सेवानिवृत्ति के समय पर दी जाती है.
हरी झंडी मिलना है तय
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस बजट सत्र में ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 को ला सकती है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इसे संसद से हरी झंडी मिलना तय माना जा रहा है. इस बिल को इससे पिछले महीने शीत सत्र में पेश किया गया था.
बढ़ेगा मातृत्व अवकाश
इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि महिलाओं को मिलने वाली मातृत्व अवकाश का समय तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा. इसके साथ ही किसी को कितनी ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए, यह भी केंद्रीय कानून के तहत तय होगा. बता दें कि यह बिल पिछले साल 18 दिसंबर को श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में पेश किया था.
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी भुगतान विधायक, 1972 को फैक्ट्री, खदानों, बंदरगाहों समेत अन्य कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था. यह कानून उन पर लागू होता है, जिस कंपनी में कम से कम 10 कर्मचारी हों. इसके साथ ही कर्मचारी ने 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए यहां काम किया हो. ग्रेच्युटी दरअसल कर्मचारी की कंपनी के लिए लंबी सेवा की सराहना करने का एक जरिया है.
इससे पहले ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा 2010 में तय की गई थी. तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. अगर बजट सत्र में यह बिल पास होता है, तो कर्मचारी इस मोर्चे पर भी टैक्स बचा सकेंगे.