कैलिफ़ोर्निया. फ़ेसबुक और ट्विटर वाले लोगों में अक्सर बहस होती रहती है कि दोनों में से कौन बेहतर है, कौन ज़्यादा संतुष्ट है। कैलिफ़ॉर्निया यूनिर्सिटी की एक रिसर्च से इस बहस पर विराम लग गया है। इस रिसर्च में पता चला है कि फ़ेसबुक वाले लोग ट्विटर के मुक़ाबले ज़्यादा सुख-शांति से ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं, जबकि ट्विटर पर अक्सर गाली-गलौज होती रहती है।
रिसर्चर्स का मानना है कि अगर दुनिया में तीसरा विश्व-युद्ध हुआ तो वो ट्विटर वालों की वजह से ही होगा। इसके अलावा, इस रिसर्च में और क्या-क्या पता चला, लीजिये आप भी पढ़िये-
1) फ़ेसबुक वाले लोग ज़्यादा फ़ुरसतिये होते हैं। एक बार स्टेटस अपडेट करो और फिर दिन भर के लिये छुट्टी! जबकि ट्विटर वालों को हर समय चौकन्ना रहना होता है। जो ट्विटर पर ट्रेंड कर गया- समझो गूगल में नौकरी लग गयी!
2) फ़ेसबुक के मुक़ाबले ट्विटर वाले 21वीं सदी के प्राणी लगते हैं। दुनिया के सारे बड़े मसले ट्विटर पर ही सुलझाये जा रहे हैं, जबकि फ़ेसबुक वाले आज भी इश्क़-मोहब्बत और फ़ोटो अपलोड करने में ही लगे हुए हैं।
4) भारतीय नेता ‘चुतियापा’ करने के लिये हमेशा ट्वीटर को ही तरज़ीह देते हैं। उन्हें जब भी कोई ‘कांड’ करना होता है, ट्विटर पर ही करते हैं।
5) ट्विटर वाले ‘गागर में सागर’ भरने में एक्सपर्ट होते हैं। वे कम शब्दों में ज़्यादा गहरी बात कह देते हैं- देखन में छोटे लगें, घाव करें गंभीर! जबकि फ़ेसबुक वाले तो कमेंट ही इतना लंबा लिख देते हैं कि पढ़ते-पढ़ते शाम हो जाती है।
6) ट्विटर वाले अपना आईक्यू लेवल फ़ेसबुक वालों से ऊंचा मानते हैं। वे फ़ेसबुक वालों को सिविल इंजीनियरिंग वाला और ख़ुद को कंप्यूटर इंजीनियरिंग वाला समझते हैं।
7) ट्वीटर वाले लोग थोड़े डरपोक किस्म के होते हैं, वे अपनी असलियत छुपाये रखते हैं जबकि फ़ेसबुक वाले मर्द के पट्ठे होते हैं। वे सारे काम ना सिर्फ़ खुल्लम-खुल्ला अपने असली नाम और फ़ोटू के साथ करते हैं बल्कि हर दूसरे दिन अपना फ़ोटू भी बदलते रहते हैं।
8) वैसे, एक चीज़ में दोनों बिल्कुल एक समान हैं- और वो है लालच! फ़ेसबुक वाले अपने हर चुतियापे पर लाइक की उम्मीद पाले बैठे रहते हैं, जबकि ट्वीटर वाले चाहते हैं कि लोग उनके गू को भी री-ट्वीट करें।
9) ट्वीटर वाले बेशर्मों की तरह रीट्वीट मांग रहे होते हैं, जबकि फ़ेसबुक वाले ‘लाइक’ की इच्छा तो रखते हैं, लेकिन किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते। लाइक करने में फ़ेसबुक वालों का कोई सानी नहीं! कुछ भाईसाब तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी लाइफ़ ‘लाइक’ के नाम ही समर्पित कर दी है।
10) लेकिन एक मामले में इनके जूनियर यानि व्हॉट्सएप ने इन दोनों को भी पीछे छोड़ दिया है, और वो है- ज्ञान! रिसर्च में पता चला है कि दुनिया के सबसे बड़े ज्ञानी व्हॉट्सएप पर ही वास करते हैं, जो चौबीसों घंटे ज्ञान की पेलमपेल करते रहते हैं- अच्छे मां-बाप कैसे होते हैं, आदर्श बहू कैसी होती है, आदर्श पति-पत्नी कैसे होते हैं, अच्छे दोस्त कैसे होते हैं- सबकुछ!
इसके अलावा, ‘चुटकुला-पेलन’ में भी व्हॉट्सएप नंबर वन है। जितने जोक्स इंसानों की तीन पीढ़ियों ने नहीं सुने, उससे तीन गुना जोक्स व्हॉट्सएप वाला बंदा एक हफ़्ते में पढ़ लेता है। व्हॉट्सएप पर आप जो भी शेयर करते हैं, वो दीवाली के गिफ़्ट की तरह चार दिन बाद लौटकर वापस आपके पास आ जाता है।