अब समझ में आया घर-घर मोदी का मतलब: ओवैसी

देश के सभी कंप्यूटरों पर नजर रखने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर में सेंधमारी कर जासूसी करने की इजाजत दे दी है. मोदी सरकार के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने शख्त एतराज जताते हुए तंज कसा और कहा कि अब समझ में आया कि घर-घर मोदी का मतलब क्या है?

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 10 केंद्रीय एजेंसियों को आपके कंप्यूटर पर नजर रखने का आदेश जारी किया है. ओवैसी ने आगे लिखा कि अब समझ में आया कि घर-घर मोदी का मतलब आपके कंप्यूटर में झांकना है. जॉर्ज ऑरवेल का बिग ब्रदर यहां है और 1984 में आपका स्वागत है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार मौलिक आधिकारों का हनन कर रही है. चुनाव हारने के बाद अब मोदी सरकार आपके कंप्यूटर को स्कैन और जासूसी करने पर उतर आई है. अबकी बार,निजता पर वार! कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘बिग ब्रदर सिंड्रोम’ वास्तव में एनडीए के डीएनए में समाहित है. जनता की जासूसी मोदी सरकार की निन्दनीय प्रवृत्ति है.

वहीं, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने हर भारतीय को अपराधी की तरह क्यों देखा जा रहा है? सरकार ने देश के हर कंप्यूटर पर केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा नजर रखने का जो आदेश है वह पूरी तरह से असंवैधानिक है. ये  टेलीफोन टैपिंग दिशा-निर्देशों और गोपनीयता को उल्लंघन करने वाला निर्णय है.

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक देश की ये 10 सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में किसी भी समय जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी सूचना या दस्तावेज को देख सकती हैं.

ये केंद्रीय एजेंसिया रखेंगी नजर

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को देश के सभी कंप्यूटर की जासूसी की मंजूरी दी गई है

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