बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्कूली बच्चों की मदद लेने को लेकर कवायद परवान चढ़ रही है। जिले के 10 स्कूलों के 90 बच्चों को जूनियर ट्रैफिक फोर्स के लिए चयनित कर लिया गया है।
बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रैफिक के चार कर्मचारियों के नाम के साथ ही प्रशिक्षण का शेड्यूल भी फाइनल कर दिया गया है। डीजीपी से समय लेने के बाद अगले एक पखवाड़े में प्रशिक्षण भी शुरू हो जाएगा।
प्रशिक्षण के समय बच्चों को थ्योरी, मॉक ड्रिल के साथ ही प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के लिए एक घंटे तक सड़क पर उतारा जाएगा। उम्मीद है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में जूनियर ट्रैफिक फोर्स सड़कों पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त कराती नजर आएगी।
देहरादून में प्रयोग की जा चुकी है ये योजना
दरअसल प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यातायात निदेशालय ने स्कूली बच्चों को जोड़ने की योजना बनाई है। देहरादून में इसका प्रयोग भी किया जा चुका है। देहरादून सहित सभी जिलों में गठित होने वाली जूनियर ट्रैफिक फोर्स में शामिल बच्चों को हर हफ्ते शनिवार या रविवार को दो घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसमें बच्चों को ट्रैफिक संचालन, रोड साइन, पार्किंग की जरूरत, नो एंट्री, लाइट सिग्नल, वन-वे के अलावा ट्रैफिक उपकरण लेजर गन, एल्कोमीटर, ई-चालान मशीन सहित अन्य उपकरणों की जानकारी दी जाएगी। सड़क हादसे के समय क्या कदम उठाने चाहिए, इसकी जानकारी भी दी जाएगी।
थ्योरी, डेमो के साथ ही बच्चों को एक घंटे सड़क पर उतारकर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इन बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रैफिक के चार लोग भी चयनित किए गए हैं। इनको पहले निदेशालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद ये लोग बच्चों को शेड्यूल के अनुसार प्रशिक्षण देंगे। उम्मीद है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में जूनियर ट्रैफिक फोर्स सड़कों पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त कराती नजर आएगी।
अन्य जिलों के साथ ही ऊधमसिंह नगर में जूनियर ट्रैफिक फोर्स के लिए 90 बच्चे चयनित किए जा चुके हैं। चुनाव के चलते ट्रैफिक फोर्स की कार्यवाही में विलंब हुआ है। हर हफ्ते बच्चों की दो घंटा क्लासेज के साथ ही एक घंटा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होगी। एक महीने तक हर हफ्ते प्रशिक्षण के बाद बच्चों को हफ्ते में एक बार बारी-बारी से तीन या चार घंटों के लिए सड़क पर उतारा जाएगा। बच्चों के लिए कैप, टी शर्ट और आई कार्ड बनाए जा चुके हैं। डीजीपी से अनुमति लेकर प्रशिक्षण शुरू किए जाएंगे।