देश को लाखों-करोड़ों का चुनाव लगाकर लोग अब विदेश फरार नहीं हो सकेंगे। सरकार लोन लेकर डिफॉल्डर होने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। सरकीर 50 करोड़ रुपये से अधिक के लोन पर जानबूझ कर डिफॉल्ट करने वाले के लिए विदेश यात्रा से पहले अनुमति लेने का नियम बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार इसके लिए पासपोर्ट ऐक्ट के सेक्शन 10 में संशोधन कर सकती है। ताकि विलफुल डिफॉल्टर्स को देश से भागने से रोका जा सकेगा।
डिफॉल्टर्स को देश से भागने से रोकने के तरीकों का सुझाव देने के लिए बनाई गई फाइनैंशल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार की अगुआई वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ‘इंडियन पासपोर्ट ऐक्ट के सेक्शन 10 में संशोधन करने का सुझाव दिया गया है, जिससे एक तय सीमा से अधिक लोन के विलफुल डिफॉल्टर को सार्वजनिक हित में वित्तीय या आर्थिक जोखिम माना जा सकता है।’ इसके लिए कर्ज की सीमा 50 करोड़ रुपये तय की जा सकती है।
पासपोर्ट ऐक्ट का सेक्शन 10 पासपोर्ट और ट्रैवल डॉक्युमेंट्स में बदलाव, उन्हें जब्त और रद्द करने से जुड़ा है। सरकार ने मार्च में बैंकों को उन बॉरोअर्स के पासपोर्ट के विवरण हासिल करने को निर्देश दिया था जिन्होंने 50 करोड़ रुपये और अधिक का कर्ज लिया है। कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि विदेश यात्रा पर कोई भी रोक उचित कारण पर आधारित और कानून के अनुसार होनी चाहिए।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal