ऑनलाइन ई टिकट बनाने वाले यात्रियों पर अब डेबिट कार्ड से किराए का भुगतान करने पर ट्रांजेक्शन चार्ज का बोझ नहीं पड़ेगा। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के आदेश पर बैंकों ने टिकट बनाने के लिए अपने ट्रांजेक्शन चार्ज को समाप्त कर दिया है। आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से टिकट बनाने पर कई बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। क्रेडिट कार्ड पर 1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन शुल्क लिया जाता है, जबकि डेबिट कार्ड पर अलग-अलग बैंकों की दर तय है। इनमें आइआरसीटीसी के साथ संबद्ध बैंक पहले से ही ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं लेते हैं। सिर्फ वही बैंक चार्ज लेते थे, जिनका गेटवे आइआरसीटीसी के पोर्टल से संबद्ध नहीं था। कुछ बैंक 10 रुपये प्रति टिकट ट्रांजेक्शन चार्ज वसूल रहे थे, जबकि कुछ बैंक पांच हजार रुपये तक के टिकट बनाने पर पांच रुपये और इससे अधिक के मूल्य के टिकट बनाने पर 10 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लेते थे। यात्रियों ने पिछले दिनों आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बनाते समय ट्रांजेक्शन चार्ज की दोहरी व्यवस्था की शिकायत की थी। इसके बाद आइआरसीटीसी ने उन बैंकों को पत्र लिखा था, जो यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलते थे। आइआरसीटीसी ने पत्र में बताया कि उसके साथ संबद्ध बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं वसूलते। साथ ही ई-वॉलेट पर भी ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं लिया जाता। आरआरसीटीसी के इसी पत्र के बाद अब बैंकों ने ट्रांजेक्शन शुल्क को समाप्त करने की बात कही है। टीटीई का कारनामा, सीटें दो और कन्फर्म टिकट चार के पास यह भी पढ़ें सात लाख टिकट बनते हैं चार्ट बनने के बाद भी ले सकेंगे ई-टिकट यह भी पढ़ें रेलवे में रोजाना एसी और नॉन एसी क्लास के करीब 10 लाख आरक्षित टिकट बनते हैं। इसमें करीब सात लाख टिकट रेल यात्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बनाते हैं। कुछ बैंक यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। अब उन्होंने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। यात्रियों से किसी तरह का ट्रांजेक्शन शुल्क बैंक नहीं ले रहे हैं। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी। - सिद्धार्थ सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, आइआरसीटीसी मुख्यालय

अब डेबिट कार्ड से रेलवे ई-टिकट बनाने पर नहीं लगेगा ट्रांजेक्शन चार्ज

 लखनऊ-ऑनलाइन ई टिकट बनाने वाले यात्रियों पर अब डेबिट कार्ड से किराए का भुगतान करने पर ट्रांजेक्शन चार्ज का बोझ नहीं पड़ेगा। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के आदेश पर बैंकों ने टिकट बनाने के लिए अपने ट्रांजेक्शन चार्ज को समाप्त कर दिया है।ऑनलाइन ई टिकट बनाने वाले यात्रियों पर अब डेबिट कार्ड से किराए का भुगतान करने पर ट्रांजेक्शन चार्ज का बोझ नहीं पड़ेगा। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के आदेश पर बैंकों ने टिकट बनाने के लिए अपने ट्रांजेक्शन चार्ज को समाप्त कर दिया है।  आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से टिकट बनाने पर कई बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। क्रेडिट कार्ड पर 1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन शुल्क लिया जाता है, जबकि डेबिट कार्ड पर अलग-अलग बैंकों की दर तय है। इनमें आइआरसीटीसी के साथ संबद्ध बैंक पहले से ही ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं लेते हैं।  सिर्फ वही बैंक चार्ज लेते थे, जिनका गेटवे आइआरसीटीसी के पोर्टल से संबद्ध नहीं था। कुछ बैंक 10 रुपये प्रति टिकट ट्रांजेक्शन चार्ज वसूल रहे थे, जबकि कुछ बैंक पांच हजार रुपये तक के टिकट बनाने पर पांच रुपये और इससे अधिक के मूल्य के टिकट बनाने पर 10 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लेते थे।  यात्रियों ने पिछले दिनों आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बनाते समय ट्रांजेक्शन चार्ज की दोहरी व्यवस्था की शिकायत की थी। इसके बाद आइआरसीटीसी ने उन बैंकों को पत्र लिखा था, जो यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलते थे। आइआरसीटीसी ने पत्र में बताया कि उसके साथ संबद्ध बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं वसूलते। साथ ही ई-वॉलेट पर भी ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं लिया जाता। आरआरसीटीसी के इसी पत्र के बाद अब बैंकों ने ट्रांजेक्शन शुल्क को समाप्त करने की बात कही है।   टीटीई का कारनामा, सीटें दो और कन्फर्म टिकट चार के पास यह भी पढ़ें सात लाख टिकट बनते हैं   चार्ट बनने के बाद भी ले सकेंगे ई-टिकट यह भी पढ़ें रेलवे में रोजाना एसी और नॉन एसी क्लास के करीब 10 लाख आरक्षित टिकट बनते हैं। इसमें करीब सात लाख टिकट रेल यात्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बनाते हैं।  कुछ बैंक यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। अब उन्होंने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। यात्रियों से किसी तरह का ट्रांजेक्शन शुल्क बैंक नहीं ले रहे हैं। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी।  - सिद्धार्थ सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, आइआरसीटीसी मुख्यालय

आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से टिकट बनाने पर कई बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। क्रेडिट कार्ड पर 1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन शुल्क लिया जाता है, जबकि डेबिट कार्ड पर अलग-अलग बैंकों की दर तय है। इनमें आइआरसीटीसी के साथ संबद्ध बैंक पहले से ही ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं लेते हैं।

सिर्फ वही बैंक चार्ज लेते थे, जिनका गेटवे आइआरसीटीसी के पोर्टल से संबद्ध नहीं था। कुछ बैंक 10 रुपये प्रति टिकट ट्रांजेक्शन चार्ज वसूल रहे थे, जबकि कुछ बैंक पांच हजार रुपये तक के टिकट बनाने पर पांच रुपये और इससे अधिक के मूल्य के टिकट बनाने पर 10 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लेते थे।

यात्रियों ने पिछले दिनों आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बनाते समय ट्रांजेक्शन चार्ज की दोहरी व्यवस्था की शिकायत की थी। इसके बाद आइआरसीटीसी ने उन बैंकों को पत्र लिखा था, जो यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलते थे। आइआरसीटीसी ने पत्र में बताया कि उसके साथ संबद्ध बैंक ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं वसूलते। साथ ही ई-वॉलेट पर भी ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं लिया जाता। आरआरसीटीसी के इसी पत्र के बाद अब बैंकों ने ट्रांजेक्शन शुल्क को समाप्त करने की बात कही है।

सात लाख टिकट बनते हैं

रेलवे में रोजाना एसी और नॉन एसी क्लास के करीब 10 लाख आरक्षित टिकट बनते हैं। इसमें करीब सात लाख टिकट रेल यात्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बनाते हैं।

कुछ बैंक यात्रियों से ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं। अब उन्होंने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। यात्रियों से किसी तरह का ट्रांजेक्शन शुल्क बैंक नहीं ले रहे हैं। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी।

– सिद्धार्थ सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, आइआरसीटीसी मुख्यालय 

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