व्यक्ति को सोच-समझकर किसी वस्तु का त्याग करना चाहिए। सोच-समझकर त्याग करने से स्थायित्व रहता है। जहां किसी के कहने में त्याग करना पड़ता है तो उसमें धर्म का समावेश नहीं रहता है।

ये मनुष्य जीवन है, इसमें परिवर्तन संभव है। हम एक माह से सुन रहे हैं कि चीन कोरोना नामक बीमारी से जूझ रहा है। अब उसे भी मालूम पड़ गया है कि मांसाहार के क्या दुष्परिणाम हैं।
यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने गुरुवार को कही। वे उदासीन आश्रम एमजी रोड पर आयोजित धर्मसभा में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुना है वहां (चीन) ऐसी बीमारी हो गई है कि लोगों का एक-दूसरे से संपर्क बंद हो गया है। अब तो ऐसा लगता है कि उस देश का खंडन हो गया है। वहां अपने ही लोग एक-दूसरे से नहीं मिल पा रहे हैं। इसका कारण मांसाहार ही है।
चीन ने अब घोषणा कर दी है कि कोई भी व्यक्ति मांसाहार का भक्षण नहीं करेगा। आखिरकार बीमारी के भय के कारण उसने शाकाहार का मार्ग अपना लिया है।
अब वहां भी अहिंसा का सूर्य उदय हो रहा है। इस अवसर पर आचार्य को भगवान महावीर की जयंती के जुलूस में शामिल होने के लिए श्रीफल भेंट किया गया। इस दौरान अध्यक्ष नरेंद्र वेद, महामंत्री सुयश जैन, नकुल पाटोदी आदि मौजूद थे।
ब्रह्मचारी सुनील भैया और राहुल सेठी ने बताया कि अचार्य के आगामी दिनों में हाई कोर्ट परिसर, एसपी ऑफिस और राजवाड़ा पर प्रवचन होंगे। प्रवचन का आयोजन इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के आग्रह पर किया जा रहा है।
अगामी दिनों में इन आयोजनों का समय तय होगा। इसके बाद आचार्य विहार कर रेवती रेंज स्थित प्रतिभास्थली पहुंचेंगे। यहां सहस्त्रकूट जिनालय का शिलान्यास किया जाएगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal