अब कबूतरों से होने वाली जानलेवा बीमारी सामने आयी

कबूतर पालने वाले और कबूतरों के आसपास रहने वाले सावधान रहें। कबूतर की बीट और पंखों से गंभीर बीमारी एक्यूट हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस फैल रही है। बीट में ऐसा संक्रमण होता है, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और जल्दी से पता भी नहीं चलता। अगर आप सावधान नहीं हुए तो जिंदगी ऑक्सीजन पर कटेगी। सहारनपुर जिले में इस बीमारी के मरीज सामने आ चुके हैं।

सहारनपुर निवासी माधवनगर का युवक इस बीमारी की चपेट में आया। उनके घर के आसपास काफी संख्या में कबूतर थे। दो साल पहले उसे सांस फूलने की समस्या हुई, खांसी रहने लगी। छह माह से ज्यादा बलगम बनने की शिकायत हुई। फेफड़े सिकुड़ने की आशंका पर नोएडा के मेट्रो सेंटर फॉर रेस्पिरेट्री डीसीसेस के डॉक्टर दीपक तलवार को दिखाया। दस दिन बाद पता चला कि कबूतर की बीट और पंखों के कारण यह बीमारी हुई है। उसने डॉक्टर की सलाह पर मकान बदला अब युवक की सेहत में सुधार है।

एम्स दिल्ली में भी इस बीमारी के 300 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं। नोएडा के एक अस्पताल में डॉ. दीपक तलवार के निर्देशन में शोध कर रहे और डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनरी मेडिसन के अंतिम वर्ष स्नातकोत्तर के छात्र डॉ. इमरान शम्सी बताते हैं कि कबूतर की बीट पाउडर का रूप ले लेती है, वह हवा के साथ इंसान के फेफड़ों में पहुंच जाती है। अधिकतर चिकित्सक ऐसे रोगियों का इलाज अस्थमा और फेफड़ों की सामान्य बीमारी की तरह करते हैं। हालत बिगड़ने पर रोगी को लंबे समय तक ऑक्सीजन पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: थानाध्यक्ष को लेकर फिर खुला बड़ा राज… अफसरों की खामोशी पर उठे सवाल, पढ़िए पूरा मामला

डॉक्टर इमरान शम्सी के अनुसार 35 रोगियों के फेफड़ों की बायोप्सी की गई, जिनकी औसत आयु 55 थी। इनमें 26 महिलाएं और नौ पुरुष थे। 71 प्रतिशत रोगी कबूतर की बीट से संपर्क में आए। दूसरा कारण फंगस था। इनके खून में फंगस का अनुमापांक भी किया गया। 25 रोगियों में कबूतर की बीट और तीन रोगियों में पंखों के कारण संक्रमण पाया गया। 21 रोगी फंगस और 19 के रक्त में संक्रमण पाया गया। रक्त में रोग प्रतिकारक पाया गया और 80-90 प्रतिशत रोगी की ठीक किया जा सकता है। गंभीर रोगी के फेफड़े काम नहीं कर पाते और उन्हें ऑक्सीजन पर रहना पड़ता है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com