अब इस नाम से जाना जाएगा हिसार का बाड़ा सुलेमान गांव, सीएम सैनी ने किया ऐलान

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शहीद उधम सिंह जी के शहीदी दिवस पर उन्हें अद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका बलिदान राष्ट्रभक्ति, साहस और आत्मबलिदान का अप्रतिम उदाहरण है। उधम सिंह ने भारत माता की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ‘जंग-ए-आजादी’ के इतिहास में आज भी उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

मुख्यमंत्री सैनी वीरवार को सिरसा के गांव संघर सरिस्ता स्थित डेरा बाबा भूम्मण शाह में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शहीद उधम सिंह के 85वें शहीदी महासम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने संघर सरिस्ता में उधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्होंने गुरु दरबार में लंगर भी ग्रहण किया। इस दौरान डेरा बाबा भूम्मण शाह चैरीटेबल की ओर से रखी गई मांगों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने कम्बोज समुदाय को कई सौगातें भी दीं। मुख्यमंत्री ने पंचकूला में कम्बोज सभा को प्लॉट देने की घोषणा की व फतेहाबाद, कैथल और जगाधरी में प्लॉट लेने हेतु सभा द्वारा आवेदन करने उपरांत उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्लॉट प्रदान किया जाएगा।

हिसार के गांव बाड़ा सुलेमान का नाम रखा जाएगा उधमपुरा
इसके आलावा मुख्यमंत्री ने हिसार के गांव बाड़ा सुलेमान का नाम उधमपुरा करने की भी घोषणा की। बाबा भूम्मण शाह मुख्य धाम की भूमि पर उनके नाम से राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का निर्माण करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी फिजिबिलिटी चैक करवाकर इसे पूरा किया जाएगा। इसके अलावा घग्गर नदी से रंगोई नाला निकालकर गांव रामपुरा ढाणी से गुजरता हुआ बनाया जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने इसकी फिजिबिलिटी चैक करवाकर पूरा करवाने की घोषणा की। ओ.बी.सी. वर्ग में क्लास 1 व क्लास-2 श्रेणी की नौकरियों में आरक्षण की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे ओ.बी.सी. आयोग को अवगत करवाकर लागू करवाया जाएगा। इनके अलावा अन्य मांगों को संबंधित विभागों में फिजिबिलिटी चैक करवाने हेतु भेजा जाएगा।

इससे पहले शहीदी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उधम सिंह ने असत्य, अन्याय और शोषण के विरुद्ध संघर्ष करते हुए आज के ही दिन वर्ष 1940 में शहादत पाई। उनकी कुर्बानी ने आजादी के लिए देशवासियों में एक नई जागृति पैदा की। इतिहास इस बात का गवाह है कि उधम सिंह, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद तथा मदन लाल धींगड़ा जैसे अनेक देशभक्तों ने भारत मां की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए कांटों भरा रास्ता चुना और उस पर चलकर कुर्बानियां देने का इतिहास रचा।

1857 के सेनानियों की स्मृति में अम्बाला में बन रहा युद्ध स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते लेकिन उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। इसी उद्देश्य से 1857 के सेनानियों को नमन करने तथा उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए अम्बाला में युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। यह स्मारक नई पीढ़ियों को उन महान सेनानियों जैसी देशभक्ति अपनाने की प्रेरणा देता रहेगा। मुख्यमंत्री ने उपस्थिति से आह्वान किया कि आजशहीदी दिवस के अवसर पर हम सभी राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा तथा राष्ट्र व प्रदेश के नवनिर्माण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लें।

शहीदों के बताए मार्ग पर चलें युवा: बाबा ब्रह्‌मदास
शहीदी महासम्मेलन में डेरा बाबा भूम्मणशाह के गद्दीनशीन बाबा ब्रहमदास ने युवाओं से आह्वान किया कि वे शहीदों से प्रेरणा ले, अच्छेसस्कार अपनाएं और सच्चे देशभक्त बनकर राष्ट्र की सेवा करें व उनके बताए मार्ग पर चलें। जिस प्रकार शहीदों ने हमें स्वतंत्रता की खुली हवा में सांस लेने का अवसर दिया उसी प्रकार हमें भी देश की रक्षा और प्रगति में अपना योगदान देना होगा। बाबा ब्रह्मदास ने नशे के खिलाफ आवाज उठाते हुए उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि हम सब मिलकर इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करेंगे। जब तक नशा समाप्त नहीं होगा, तब तक हमारा प्रयास जारी रहेगा।

जर्मनी के सांसद राहुल ने जर्मन भाषा में दिया वक्तव्य को जर्मनी के सांसद राहुल कंबोज ने जर्मन भाषा में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी निरंतर कार्य कर रहे हैं और वे मुख्यमंत्री जर्मनी आने का न्यौता दे रहे हैं। जर्मनी में भी भारतीय समाज उनका इंतजार कर रहा है। वे मुख्यमंत्री को जर्मनी लेकर जाएंगे। युवाओं को भी शहीद उधम सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए। युवा नशे से दूर रहें।

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