पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण एक बार फिर से पारा लुढ़कने लगा है। तेज हवाओं ने दिसंबर-जनवरी जैसी ठिठुरन को बढ़ा दिया है। इस कारण से बुधवार को अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट देखने को मिली।
अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री लुढ़कर 20 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान तीन डिग्री लुढ़कर 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस तरह से बीते सात साल में 27 फरवरी को सबसे कम अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट दर्ज करने की भविष्यवाणी की है। दिल्ली-एनसीआर में बीते सोमवार से एक बार फिर से सर्दी लौट आई है।
सुबह-शाम तेज हवाएं चल रही है इस कारण से ठिठुरन बढ़ रही है। वहीं कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। दिल्ली में 0.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। बुधवार को भी तेज हवाओं से तापमान काफी लुढ़का।
सुबह-शाम तेज हवाएं चल रही है इस कारण से ठिठुरन बढ़ रही है। वहीं कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। दिल्ली में 0.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। बुधवार को भी तेज हवाओं से तापमान काफी लुढ़का।
विभाग की मानें तो बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान व न्यूनतम में और गिरावट होगी। अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। वहीं 28 फरवरी व एक मार्च को हल्का कोहरा रहेगा। अगले सप्ताह बारिश और ओलावृष्टि की भी संभावना है।
हल्द्वानी में ठंड ने नौ वर्ष तो बारिश ने तोड़ा पांच साल का रिकॉर्ड
हल्द्वानी में ठंड ने नौ वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा तो बारिश ने भी पांच वर्ष बाद नया रिकॉर्ड बनाया है। 27 फरवरी यानी मंगलवार को अधिकतम तापमान 17.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो पिछले नौ सालों में (27 फरवरी को) सबसे कम रहा।
वर्ष 2011 से 2018 तक अधिकतम तापमान 22 डिग्री से ऊपर ही रहा। इसी तरह बारिश ने भी पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़़ा है। इस बार फरवरी में अब तक 129 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि इस महीने की औसत बारिश 33 मिमी है।
बुधवार को 20 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और राज्य में मौसम शुष्क रहेगा।
पिछले वर्षों में 27 फरवरी को बारिश और तापमान पर एक नजर
वर्ष अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान बारिश (मिली मीटर में)
2011 22.6 7.3 2.6
2012 24.2 6.4 00
2013 26.0 11.0 00
2014 24.7 14.9 9.4
2015 24.0 14.0 1.4
2016 28.1 11.9 00
2017 25.0 8.3 00
2018 24.0 11.3 00
2019 17.9 12.0 20
शिमला में 11 साल बाद फरवरी में छठी बार बर्फबारी
आधा हिमाचल बुधवार को एक बार फिर बर्फ से लकदक हो गया है। पहाड़ों की रानी शिमला, पर्यटन नगरी मनाली और बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा की नगरी मैक्लोडगंज समेत रोहतांग, जलोड़ी, केलांग, डलहौजी, कुफरी और मंडी जिला के कई इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है।
शिमला में 11 साल बाद फरवरी महीने में छह बार बर्फबारी हुई है। इस महीने शिमला में 52 सेंटीमीटर बर्फ रिकॉर्ड हो चुकी है। बुधवार को ताजा हिमपात के बाद कई क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नेशनल हाईवे कुल्लू-मनाली और शिमला-रामपुर सहित प्रदेश भर में 303 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हो गई हैं।
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने एक हफ्ते तक मनाली से चलने वाली लंबी रूटों की बसों को अब कुल्लू से चलाने का फैसला लिया है। एचआरटीसी की 100 से अधिक बसें जगह-जगह फंसी हुई हैं जबकि 500 रूट ठप हैं।
किन्नौर और शिमला जिलों के स्कूलों में बुधवार को छुट्टी कर दी गई। किन्नौर और मंडी के सराज में वीरवार को भी छुट्टी घोषित कर दी गई है। ताजा बर्फबारी से प्रदेश के छह क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में रिकॉर्ड हुआ। अधिकतम तापमान में भी 4-5 डिग्री कम हो गया है। प्रदेश में भी शीतलहर तेज हो गई है।
आज मौसम साफ, 2-3 मार्च को भारी बारिश-बर्फबारी की चेतावनी
दो और तीन मार्च को भी सूबे में दोबारा भारी बारिश-बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। वीरवार को प्रदेश भर में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। पहली मार्च को कुछ क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है।
शिमला में फरवरी में हिमपात के आंकड़े
फरवरी में साल 1990 में 10 बार, 1995 में 9, 2007 में 7 और साल 2000 में 12 बार शिमला में बर्फ गिरी है।
न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
केलांग – 11.0
कल्पा – 6.0
कुफरी – 5.0
डलहौजी – 2.0
शिमला – 1.4
मनाली – 1.0
————
बर्फबारी (सेंटीमीटर में)
रोहतांग 50
जलोड़ी दर्रा 30
सोलंगनाला 20
कुफरी 10
शिमला 9
मनाली 5
डलहौजी 4