अफसरों की अनदेखी से अतिक्रमण की शिकार हुई ‘मॉडल’ रोड

आइएसबीटी से घंटाघर के बीच मॉडल रोड की नाली और फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। नौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट के 70 फीसद कार्य पर छह करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं। मगर, सड़क और फुटपाथ 70 मीटर भी आवाजाही लायक नहीं बना है। इससे सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सवाल उठने लाजमी हैं। वह भी तब जब छह माह का यह प्रोजेक्ट डेढ़ साल में भी पूरा नहीं हुआ हो। 

भाजपा सरकार बनते ही शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने दून की सड़क को मॉडल बनाकर प्रदेश में नजीर पेश करने की कोशिश की। इसके लिए मंत्री स्वयं सड़क पर उतरे और आइएसबीटी से घंटाघर के बीच छह किमी क्षेत्र में सड़क तक पसरे अतिक्रमण पर कार्रवाई कराई। 

इससे काफी हद तक सड़कें चौड़ी हुईं और मंत्री और सरकार ने खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद विभाग ने भी तेजी लाते हुए मॉडल रोड पर काम शुरू कर दिया। इसके लिए प्रथम चरण में नाली, फुटपाथ और रेलिंग की नौ करोड़ की योजना बनाई गई। जून 2017 से यह कार्य शुरू हुआ। इसके लिए छह माह का समय रखा गया। 

शुरुआत में काम की रफ्तार भी ठीक रही। स्वयं मंत्री ने भी तीन से ज्यादा बार सड़क पर उतरकर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की। इसके बाद समय बढ़ा तो प्रोजेक्ट की रफ्तार, गुणवत्ता, डिजाइन जैसे कई पहलुओं पर समझौता होने लगा। सरकार के दबाव के चलते प्रोजेक्ट पर काम हुआ तो 70 फीसद फुटपाथ और नाली तैयार हुई। 

नाली और फुटपाथ बनते ही इस पर व्यापारियों ने अतिक्रमण जमाना शुरू कर दिया। इस दिशा में न तो विभाग और न ही पुलिस-प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई।

अतिक्रमण पर मंत्री ने दिए थे मुकदमे के निर्देश 

मॉडल रोड की नाली, फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ शहरी विकास मंत्री ने कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके लिए डीएम, एसएसपी और एमएनए को कमेटी बनाकर हर दिन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। 

मंत्री के इस फरमान पर कुछ दिन कुछ सिपाही और नगर निगम के कर्मचारी जरूर प्रिंस चौक के आस-पास घूमे, मगर कार्रवाई क्या हुई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। 

ई-रिक्शा में घूमे थे मंत्री 

मॉडल रोड प्रोजेक्ट को देखने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक मई 2017 में ई-रिक्शा से निरीक्षण को पहुंचे थे। इसके बाद 22 जून को फिर मंत्री ने कार्य की प्रगति देखी। इसके बाद 14 दिसंबर को भी मंत्री ने आइएसबीटी से घंटाघर तक भ्रमण किया। उनके जाते ही कार्य की रफ्तार सुस्त होती रही।

मनमाफिक बिछाए स्लैब 

सहारनपुर रोड से प्रिंस चौक के बीच संकरी सड़क है। यहां व्यापारियों ने मनमाफिक तरीके से स्लैब बिछा रखे हैं। सड़क पर डेढ़ से दो फीट अतिक्रमण कर स्लैब और रैंप बनाने से यहां जाम की स्थिति रहती है। यही हाल प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच है। यहां नाली पर डिजाइन के विपरीत स्लैब डालकर कारें और दुपहिया वाहन पार्क किए जा रहे हैं। 

मॉडल रोड पर एक नजर-

विभाग————लंबाई———स्वीकृत बजट 

एनएच खंड——-03 किमी——–03 करोड़ 

निर्माण खंड——03 किमी——–04 करोड़

प्रांतीय खंड———1.2किमी——1.71 करोड़

सुधारी जाएगी खामियां 

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित के अनुसार यह काम मेरे कार्यकाल से पहले स्वीकृत हुआ था। कार्य की रफ्तार और डिजाइन को चेक किया जाएगा। यदि कोई खामी होगी तो उसमें सुधार लाया जाएगा। गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

दोबारा अतिक्रमण पर होगी सख्त कार्रवाई 

जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन के अनुसार मॉडल रोड पर अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है। दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी। चुनाव की व्यस्तता के चलते इस पर ध्यान नहीं जा रहा है। जल्द मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। 

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