अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के साथ ही पाकिस्तान के हौसले बढ़ गए हैं। अब वह भारत को अस्थिर करने की साजिशों में जुट गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिशें शुरू कर दी है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आइएसआइ इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसकेपी) के कैडर को गुलाम कश्मीर (पीओके) में भेज रही है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक ये इस्लामिक स्टेट खुरासान के ये आतंकी हाल ही में अफगानिस्तान की जेलों से रिहा हुए थे।
जेलों से रिहा होने के बाद ये आतंकी पाकिस्तान लौट आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने इन आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में अपने एजेंडे को अंजाम देने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने इस्लामिक स्टेट खुरासान के कमांडर मुंशीब की आवाजाही को ट्रैक किया है। आतंकी मुंशीब ही कश्मीर में हमलों को अंजाम देने के लिए विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ बातचीत कर रहा है। एजेंसियों का कहना है कि वह पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव नजर आ रहा है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस ने खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया है कि हाल ही में केरल के लगभग 25 युवा अफगानिस्तान गए थे जो इस्लामिक स्टेट खुरासान के कैडर में शामिल हुए। अब खुफिया एजेंसियों को जो इनपुट मिलें हैं वे चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ केरल के इन कट्टरपंथी युवाओं का इस्तेमाल भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा वक्त में इन आतंकियों की गतिविधियां खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं।
गौर करने वाली बात यह कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की सक्रियता बीते दो महीनों से काफी बढ़ गई है। आइएसआइ जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र जैसे आतंकी संगठनों के दहशतगर्दों को जम्मू-कश्मीर में भेजने की योजना बना रही है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान नियंत्रण रेखा के जरिए घुसपैठ को अंजाम देने के लिए गुलाम कश्मीर यानी पीओके में आतंकियों के लांचिंग पैड्स स्थापित करने में जुट गया है।
खुफिया एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला है कि पाकिस्तान में आतंकियों के लांचिंग पैड के पास गतिविधि बढ़ रही हैं। इससे घुसपैठ की आशंकाएं बढ़ गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी में युद्धविराम लागू होने के बाद इन लांचिंग पैड्स को छोड़ दिया गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ये भी इनपुट मिल रहे हैं कि गुलाम कश्मीर में मौजूद आतंकी कैंपों में पश्तून आतंकियों की मौजूदगी के भी संकेत मिल रहे हैं। यह जम्मू-कश्मीर में बरकरार शांति व्यवस्था के लिए चिंताजनक बात मानी जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस उन ओवर-ग्राउंड वर्कर्स को ट्रैक करने में जुट गई है जो इन विदेशी आतंकियों को छिपने का ठिकाना दे सकते हैं। भारतीय जवान कोशिश कर रहे हैं कि घुसपैठी आतंकियों को कश्मीर में कोई ठिकाना न मिले। वहीं सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि हम आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस पर कायम हैं। मौजूदा वक्त में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार हैं।