बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त के अप्रैल से अक्टूबर तक में भारत की बिजली खपत एक साल पहले की तुलना में 9.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 984.39 बिलियन यूनिट हो गई है।
ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान भारत की बिजली खपत सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 984.39 बिलियन यूनिट हो गई। बिजली की खपत बढ़ने का मुख्य कारण आर्थिक गतिविधियों में सुधार है। एक साल पहले इसी अवधि में बिजली की खपत 899.95 बिलियन यूनिट थी।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त के अप्रैल से अक्टूबर तक में भारत की बिजली खपत एक साल पहले की तुलना में 9.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 984.39 बिलियन यूनिट हो गई है।
बिजली की खपत बढ़ने का मुख्य कारण आर्थिक गतिविधियों में सुधार का होना है। एक साल पहले की समान अवधि में बिजली की खपत 899.95 बिलियन यूनिट थी।
पीक पावर डिमांड भी बढ़ा
एक अन्य संकेतक, पीक पावर डिमांड, की बात करें तो अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान पीक पावर डिमांड लगभग 241 गीगावॉट से अधिक थी, जो 2022 की समान अवधि में 215.88 गीगावॉट थी।
पिछले महीने कितनी थी डिमांड?
पिछले महीने अक्टूबर में देश की बिजली खपत त्योहारों और बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियों के कारण बिजली की मांग में वृद्धि के कारण लगभग 22 प्रतिशत बढ़कर 138.94 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले इसी महीने में बिजली की खपत 113.94 बीयू थी, जो अक्टूबर 2021 में दर्ज 112.79 बिलियन यूनिट से अधिक है।
पीटीआई को टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने कहा कि

गर्मियों में 229 गीगावॉट तक मांग पहुंचने की उम्मीद
उर्जा मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंच सकती है। हालांकि, अधिकतम आपूर्ति जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू चूकी है, लेकिन जुलाई में गिरकर 209.03 गीगावॉट पर आ गई।
अगस्त में अधिकतम मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई। इस साल सितंबर में यह लगभग 241 गीगावॉट थी। अगस्त और सितंबर में बिजली की खपत बढ़ने का मुख्य कारण उमस भरा मौसम और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों का बढ़ना भी है।
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