कोरोना की वजह से देश में लगाए गए लॉकडाउन से अधिकतर सेक्टर की हालत पतली हो गई है. रिजर्व बैंक की मानें तो बैंकिंग सेक्टर में भी इसका असर पड़ेगा और बैड लोन में इजाफा हो सकता है. लेकिन सवाल है कि कोरोना काल में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की वित्तीय सेहत कैसी है.

आइए इसके बारे में जानते हैं..अप्रैल से जून के बीच में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मुनाफा 81 फीसदी बढ़ गया है. ये जानकारी खुद एसबीआई की ओर से दी गई है. बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा 4,189.34 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 2,312.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. तिमाही के दौरान एसबीआई की कुल आय बढ़कर 74,457.86 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 70,653.23 करोड़ रुपये रही थी.
दरअसल, डूबा कर्ज घटने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है. पहली तिमाही के दौरान बैंक की एनपीए घटकर 5.44 प्रतिशत रह गईं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7.53 प्रतिशत थीं.
बहरहाल, एसबीआई के तिमाही नतीजों में मुनाफे के बाद बैंक के शेयर में भी रौनक देखने को मिली. कारोबार के अंत में एसबीआई के शेयर 191.45 रुपये के भाव पर बंद हुए. पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 2.63 फीसदी की बढ़त है.
रिजर्व बैंक के ताजा अनुमान के मुताबिक मार्च 2021 तक बैंकों का बैड लोन यानी एनपीए 8.5 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी हो सकता है.
RBI की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट(FSR) के मुताबिक ग्रॉस एनपीए में काफी इजाफा होगा और यह बढ़कर 14.7 फीसदी तक जा सकता है.
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