एक बच्चा जब सबसे पहले किसी की उंगली के सहारे चलना सीखता है तो वो है बाप। जो बिना अपनी तकलीफों को व्यक्त किए अपने बच्चे के सपने को साकार करने की भरपूर कोशिश करता है। एक पिता अपने बच्चे को दुनिया का सबसे बेहतर बेटे बनाने का गुण सिखाता है। हर वो शिष्टाचार से लेकर कठिन समय से लडने का आसान तरीका बतलाता है। भले ही समाज और परिवार में मां को श्रेष्ठ माना जाता है और एक पिता की मेहनत को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती। एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जिसमें अपने बेटे की शादी में पिता ने निमंत्रण पत्र में कुछ ऐसा लिखवाया है जिससे सरकार से लेकर चुनाव आयोग तक अचंभित हो गया है।
सिद्धार्थ की हो रही है शादी।
वैसे तो भारत में रोजाना कई शादियां होती हैं और बहुत के घर झगड़े की वजह से टूट जाते हैं। लोग अपनी हैसियत के मुताबिक अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करवाते हैं। मगर सिद्धार्थ की शादी कुछ अजूबा ही रहा है जिसमें उसके पिता ने चुनाव आयोग को टक्कर देते हुए अपने बेटे की शादी की तारीख उसी दिन की फिक्स की है जिस दिन चुनाव है। सीतापुर के एक व्यापारी के बेटे सिद्धार्थ गुप्ता की शादी 29 नवंबर को तय की गई है।
चुनाव आयोग की चुनाव के मद्देनजर घोषणा।
जबकि भारत में चुनाव महोत्सव की तरह मनाया जाता है। स्वतंत्र भारत में हमारी मतों से हमारे नेताओं का चयन होता है जिसके लिए हर राज्य,शहर, जिला स्तरीय और नगर निकाय चुनाव हमेशा होते रहते हैं। जिसका नियंत्रण चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी पर कराता है। 28 नवंबर को चुनाव आयोग की घोषणा इस शादी में बाधा डाल दिया। चुनाव आयोग ने सीतापुर में 29 नवंबर को चुनाव होने का फैसला सुनाया।
सिद्धार्थ की आकांक्षा के साथ हुई शादी।
सीतापुर के सिद्धार्थ गुप्ता की शादी लखीसराय जिला के निवासी सर्वेश गुप्ता की बेटी आकांक्षा से हो रही है। इस शादी में तो कई अड़चन पैदा हुई मगर चुनाव आयोग के इस फैसले ने शादी में दिक्कत पैदा की। अचानक से आए चुनाव के फैसले को शादी के परिवारवालों ने भी अपने अंदाज में चुनाव में लोगो को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
शादी के कार्ड से लोगों को किया जागरूक।
सिद्धार्थ की शादी हो गई है। ये शादी समाज में हमेशा याद किया जाएगा क्युकी सिद्धार्थ के पिता ने समाज के हित में अपने बेटे की शादी के कार्ड पर चुनाव के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कार्ड पर चुनाव से जुड़े एक स्लोगन लिखवाया- मतदान दिवस 29 नवंबर 2017 को सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो। सिद्धार्थ के पिता ने जब वधु पक्ष से इस स्लोगन चर्चा की तो वे लोग भी काफी प्रभावित हुए। वैसे तो यह तरीका लोगों को अपनी वोट की अहमियत बताने का अच्छा तरीका है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस स्वतंत्र भारत में एक स्वच्छ सरकार चुनने में मदद करें।