Bank Strike : वेतन बढोतरी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाबभर में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई है। बैंक कर्मचारियों ने अपनेे यूनियन नेताओं की अगुवाई में शुक्रवार को सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की हड़ताल से लाखों का लेनदेन प्रभावित हुआ। शहरी क्षेत्रों में अभी एटीएम में कैश मौजूद है, लेकिन ग्रामीण अंचल के एटीएम में जरूर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ में बैंक कर्मचारियों ने सेक्टर-17 स्थित बैंक स्क्वायर में रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनाइटिड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के चंडीगढ़ स्थित संयोजक संजय कुमार शर्मा ने बताया कि बैंक कर्मियों का वेतन और सर्विस नियम द्विपक्षीय समझौते के तहत शासित होता है। इसे हर पांच साल में रिवाइज किया जाता है। मौजूदा वेज रिविजन नवंबर 2017 से लंबित है।
पटियाला में नौ ट्रेड यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस ने हड़ताल शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आज हड़ताल में शामिल बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने शेरा वाला गेट स्थित एसबीआइ ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सरकार से जल्द उनकी मांग पूरी करने की मांग की।
लुधियाना में बैंक कर्मचारियों ने भारत नगर चौक स्थित कैनरा बैंक के बाहर रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कर्मचारी हितों के लिए काम न किए जाने के खिलाफ वित्तमंत्री को कोसा। लुधियाना में हड़ताल की वजह से रोजाना 65 हजार के करीब क्लीयरेंस के लिए आने वाले चेक भी पास नहीं हो सके। अब शनिवार को भी बंद के चलते सोमवार को बैंकिंग से संबंधित कार्य होंंगे।
जालंधर में बैंक कर्मचारियों ने एसबीआइ की मेन ब्रांच के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। उन्हाेंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। बैंक कर्मचारियों ने कहा है कि दाे साल से कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया जा रहा है वहीं कई कॉरपोरेट से जुड़े लोगों को दिया गया लोन एनपीए होने के कगार में पहुंच चुका है। सरकार ने अभी तक लोन ना चुकाने संबंधी कोई कानून बनाया है।
ये हैं कर्मचारियों मांगें
- फाइव डे वीक की मांग
- समान काम के बदले समान वेतन
- रिटायरमेंट लाभ आयकर मुक्त हो
- मूल वेतन में विशेष भत्ते का मर्जर करना
- पेंशन संबंधी विसंगतियों को दूर करना
- पारिवारिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग
- नई पेंशन स्कीम को रद करना
- बैंकिंग कारोबार की अवधि एक समान तय करना
- अधिकारियों के लिए नियत कार्य अविध तय करने की मांग