अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू ने बताया कि लंबे समय से बसपा में हमारी मांग थी कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी को हटाओ, बसपा बचाओ। अब इसको बहन जी ने सुना और अमल किया। उन्होंने कहा कि बहन जी से मैने वादा किया है कि हम पार्टी की आगे ले जाएंगे। मैं बहन मायावती जी का आभारी हूँ जो उन्होने पार्टी में मुझे वापस लिया।
अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू ने 1989 में बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की थी। उन्होंने कहा कि हर पार्टी में अपनी अलग प्लांनिग है। पार्टी चलाने की और कौन सी पार्टी है जो चंदे पर नही चलती है। दबी जुबान में लोग बहन जी के साथ हैं। मेरा मानना है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे लोगों के नाम से यह समाज न पहचाना जाए। मेरा मानना है कि कांशीराम साहब और बहन मायवती जी का जो मिशन है वो चलता रहेगा। हम बड़े पैमाने पर मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ेंगे। मैने आज तब बहन जी के खिलाफ एक शब्द नही बोला।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी तो 34 साल तक पार्टी में रहे लेकिन बहुजन समाज पाटी के चार मुसलमान तक नही जोड़ सके। वह तो लोगों नो बहन मायावती जी से मिलने में भी रोकते थे। लोग जि़ंदगी मे एक बार मरते है लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के चक्कर में लोगों को कई बार मरने पर मजबूर होना पड़ा। हमने तो अल्पसंख्यकों के लिए बहुत काम किया है, लेकिन सिद्दीकी ने बहन जी को मेरे खिलाफ भड़काया। मुझे हज के चैयरमैन के पद से ने हटवाया।
अनीस अहमद ने कहा कि मुरादाबाद में सिद्दीकी के बेटे अफजल सिद्दीकी और उनके गुंडों ने मेरी प्रेस कांफ्रेंस को बाधित करने का प्रयास किया। जिससे मैं अपनी बात न कह सकूं, लेकिन लेकिन मीडिया और प्रशासन ने मदद की। उन्होंने कहा बहन मायावती जी ने मुझे राज्य मंत्री का दर्जा दिया। मैं 1996, 2002 , 2007 से 12 तक लगातार विधायक बना। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बसपा से निष्कासित पूर्व मंत्री अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू की कल ही बसपा में दोबारा इंट्री कराई है।