दिल्ली न केवल आधुनिक भारत की राजधानी है बल्कि सैंकड़ों साल पुराने इतिहास और स्थापत्य कला का केंद्र भी है। यहां मुगलों व अंग्रेजों द्वारा बनाई गई कई ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें न केवल भारतीय यात्री बल्कि बड़ी संख्या में हर साल विदेशी यात्री देखने आते हैं। एक प्रकार से दिल्ली लघु भारत का रूप है। जहां देश के कोने-कोने में मिलने वाला खान-पान, पहनावा बड़ी आसानी से मिल जाता है।
यकीन मानिए चांदनी चौक की तंग गलियों में देशी घी के पराठे, कचौड़ी, जलेबी, रसगुल्ले बनते देख खुद को रोक नहीं पाऐंगे। यहां कई प्राचीन व भव्य मंदिर, विशाल चर्च, आकर्षक गुरुद्वारे व नामी-गिरामी मस्जिदें देखने को मिलेंगी। दिल्ली एक ऐसी जगह है जहां संपूर्ण भारत की संस्कृति का मिश्रण दिखाई पड़ता है। कोरोना महामारी काल में लगभग पांच महीने तक पूरा शहर बंद रहा।
इस बीच शैलानियों से खचाखच भरे रहने वाले शहर के पर्यटक स्थल भी सूने पड़े हुए थे। लेकिन प्रशासन ने इस दौरान पर्यटक स्थलों की देखरेख व रखरखाव की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। लॉकडाउन में जैसे दिल्ली के पर्यटक स्थलों की खूबसूरती और निखर गई है। वर्षा ऋतु ने भी प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाने में सहयोग किया है। पर्यटक स्थलों पर पहले से ज्यादा हरियाली है, साथ ही यहां फूलों की संख्या भी बढ़ गई है।
दिल्ली भारत की राजधानी व देश का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है। राजधानी होने के नाते यहां भारत सरकार के सभी कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन जैसे आधुनिक स्थापत्य कला के नमूने भी मौजूद हैं। प्राचीन नगर होने के कारण इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। पुरातात्विक दृष्टि से कई विश्व प्रसिद्ध निर्माण यहां आकर्षण का केंद्र हैं।
लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। तो देश पर जान न्यौछावर कर देने वाले वीर सपूतों का स्मारक भी राजपथ पर निर्मित है। भारत के प्रधान मंत्रियों की समाधियां हैं। इसके अलावा लक्ष्मी नारायण मंदिर, छतरपुर मंदिर, बहाई मंदिर, काली बाड़ी मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, गुरुद्वारा बंगला साहिब, जामा मस्जिद, खिड़की मस्जिद, कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, फतेहपुरी मस्जिद, पुरातात्विक स्थल, लाल किला, हुमायूं का मकबरा, पुराना किला, जंतर मंतर, कुतुब मीनार, इंडिया गेट, राजघाट जैसे विश्व प्रसिद्ध अर्चना स्थल हैं। मुगल गार्डन, गार्डन ऑफ फाइव सेंसिस, तालकटोरा गार्डन, लोदी गार्डन, राष्ट्रीय जैविक उद्यान जैसे बड़े हरित क्षेत्र हैं।
दिल्ली दिलवालों की नगरी यूं ही नहीं कही जाती है। यहां के लोग मेहमान के स्वागत में एक पैर पर खड़े रहने को तैयार रहते हैं। यकीनन खुद को एक मौका दीजिये, फिर देखिये कि दिल्ली पर्यटन स्थल आपको एक ऐसी सैर पर ले जाऐंगे जहां पूरे भारत की शैर हो जाएगी। दिल्ली पहुंचते ही आप एक रंगीन दुनिया में गुम हो जाऐंगे। दिल्ली मेट्रो की सैर, डीटीसी की बसें आपको एक जगह से दूसरी जगह बड़े ही सुगम तरीके से पहुंचा देंगी। यहां पर शोरगुल से लेकर शांति तक सब तरह का माहौल देखने को मिलेगा।
पंजाबी और मुगलई खान-पान जैसे कि कबाब और बिरयानी खासतौर पर दिल्ली के कई भागों में मिलते हैं। अत्यधिक मिश्रित जनसंख्या होने के कारण यहां पर भारत के विभिन्न भागों के खानपान की झलक मिलती है। जैसे राजस्थानी, मराठी, बंगाली, हैदराबादी खाने के अलावा दक्षिण भारतीय खाने के आइटम जैसे इडली, सांभर, दोसा इत्यादि भी बहुतायत मिल जाते हैं। इसके अलावा उतर भारतीय लजीज व्यंजनों की यहां भरमार रहती है।
विश्व पर्यटन संगठन (डब्ल्यूटीओ) की ओर से हर साल 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष डब्ल्यूटीओ दुनियाभर को पर्यटन से जुड़ी एक थीम देता है। जिसका मकसद हर तरह से उस राष्ट्र के पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसी तरह से इस साल विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और नौकरी : सभी के लिए एक बेहतर भविष्य’ है। दुनियाभर में रोजगार की बढ़ती मांग को देखते हुए इस साल यह थीम रखी गयी है। जहां हर कोई पर्यटन के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सके।