देश की राजधानी दिल्ली से बेहद करीब ग्रेटर नोएडा (यूपी) में बनने वाले जेवर एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट ( Jewar International Airport ) का नाम पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee ) के नाम पर हो सकता है। इस तरह की मांग न केवल भाजपा कार्यकर्ता कर रहे हैं, बल्कि अब पार्टी के बड़े नेताओं ने भी ऐसी ही मंशा जाहिर की है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 25 दिसंबर को जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस एयरपोर्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती है। दरअसल, 25 दिसंबर को ही अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी है। इसलिए इसी दिन को एयरपोर्ट के शिलान्यास के तौर पर चुना गया है। हालांकि, अभी नाम को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
दरहसल, जमीन अधिग्रहण की समस्याओं के चलते जेवर एयरपोर्ट पर काम लंबे समय से अटका था, हालांकि सरकार का कहना है कि इन बाधाओं को दूर कर लिया गया है। केंद्र सरकार ने मई 2018 में जेवर एयरपोर्ट को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी। इस एयरपोर्ट के लिए 3000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जबकि पहले चरण में एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।
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स्थानीय सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट की प्रस्तावित जगह के आसपास पिछले कुछ दिनों से गतिविधियां तेज हो गई हैं, ऐसे में इस संभावना को बल मिलता है कि जल्द ही एयरपोर्ट के शिलान्यास की तैयारी है। हिंदी अखबार दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने कहा है, ‘मुझे विश्वास है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के पहले सप्ताह में जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास हो जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री से बात हुई है। हम चाहेंगे कि जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी के हाथों हो।’
दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले दोगुनी होगी क्षमता
जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। ये एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले दोगुना होगा और यहां सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। पूर्व एविएशन मंत्री अशोक गणपति राजू के हवाले से पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 3.5 करोड़ यात्रियों की होगी।
बेजोड़ कनेक्टिविटी
जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेजोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मेट्रो और पॉड से जोड़ने की भी योजना है। दो ओर से यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल खुर्जा एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा। अन्य दो साइट में 130 मीटर सड़क व सौ मीटर चौड़ी सड़क से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
2050 तक 20 करोड़ यात्री करेंगे हवाई सफर
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आइजीआइ को पीछे छोड़ देगा। आइजीआइ से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक लाभ होगा
इस एयरपोर्ट से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक लाभ होगा। यहां एयर कार्गो हब भी बनाया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा कि जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने के साथ उत्तर प्रदेश का पश्चिमी बेल्ट आर्थिक गतिविधियों, हवाई यात्रियों और माल ढुलाई के लिए केंद्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट से माल ढुलाई पर खासतौर से जोर दिया जाएगा, इससे कृषि को भी लाभ होगा।