राजस्थान के बहुचर्चित अजमेर ब्लास्ट मामले में गुरुवार को एनआईए की विशेष अदालत में दोषियों को सजा पर बहस के बाद फैसला 18 मार्च तक टाल दिया गया है.
धमाके के आरोपों के बाद दोषी माने गए देवेन्द्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा पर कोर्ट में बहस हुई. बचाव पक्ष ने इस सजा पर बहस करते हुए सजा पर एतराज जताया. बचाव पक्ष की दलिलों के बाद कोर्ट ने सजा पर फैसला 18 मार्च तक के लिए टाल दिया.
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यह मामला 9 साल पहले का है. इसमें राजस्थान की अजमेर दरगाह शरीफ में रोजा इफ्तार करने वाले जायरीनों पर 11 अक्टूबर 2007 पर कहर बरपानेवाला ब्लास्ट हुआ था. इस नापाक हरकत के 9 साल बीत जाने के बाद 8 मार्च को तीन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इन तीन दोषियों में एक सुनील जोशी की गिरफ्तारी से पहले ही मौत हो चुकी है.
गरीब नवाज की दरगाह में यह ब्लास्ट 7 अक्टूबर की शाम करीब 6:15 बजे हुआ था. इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 15 गंभीर रूप से घायल हुए. ब्लास्ट के लिए दरगाह में दो रिमोट बम प्लांट किए गए थे. लेकिन इनमें से एक ही फटा जिससे भारी जनहानि नहीं हुई.
दरगाह में धमाके के बाद कब, क्या हुआ?
11 अक्टूबर 2007 की शाम ब्लास्ट हुआ
14 लोगों को आरोपी बनाया गया
8 आरोपी है जेल में
4 आरोपी अभी है फरार
1 आरोपी जमानत पर रिहा हो गया
1 की गिरफ्तारी से पहले ही हो गई थी मौत
3 को दोषी करार दिया गया
ब्लास्ट से फैसले तक के आंकड़े
442 दस्तावेज साक्ष्य पेश किए गए
149 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए
38 दस्तावेजी साक्ष्य पेश बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए
2 गवाहों के बयान बचाव पक्ष की तरफ से दर्ज करवाए गए
4 चार्जशीट पूरे मामले में पेश की गई (एक चार्जशीट एटीएस और तीन चार्जशीट
एनआईए द्वारा प्रस्तुत की गई)
2011 में शुरू हुई सुनवाई
6 फरवरी 2017 को अंतिम बहस
26 गवाह पक्षद्रोही साबित हुए( ये सभी गवाह एनआईए के लिए महत्वपूर्ण गवाह थे)
गिरफ्तार आरोपी
स्वामी असीमानंद
देवेन्द्र गुप्ता(दोषी करार)
लोकेश शर्मा
चन्द्रशेखर लेवे
हर्षद सोलंकी
मुकेश बसानी
भरतमोहनलाल रतेश्वर
मेहुल उर्फ मफत
भावेश अरविन्द भाई पटेल (दोषी करार)
सुनील जोशी (दोषी करार) गिरफ्तारी से पहले ही मौत
फरार आरोपी
सुरेश नायर
अमित उर्फ हकला प्रिय
संदीप डांगे
रामचन्द्र कंलसागरा
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