भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर फिर से बातचीत शुरू होगी। पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के पीएम केर स्टार्मर के बीच जी-20 सम्मेलन के दौरान अलग से हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी। बाद में ब्रिटेन के पीएम स्टार्मर ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि अगले वर्ष की शुरुआत में एफटीए पर भारत-ब्रिटेन के बीच बातचीत फिर शुरू होगी। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की गई।
अपराधियों के प्रत्यर्पण का उठाया मुद्दा
पीएम मोदी ने भारत में आर्थिक अपराध करके ब्रिटेन में पनाह लेने वाले अपराधियों के प्रत्यर्पण के मुद्दे को भी उठाया। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक अपराधियों से जुड़े मामलों को सुलझाया जाना जरूरी है। उक्त दोनों अपराधी लंबे समय से ब्रिटेन में हैं और भारत सरकार के प्रत्यर्पण प्रस्ताव को कानूनी पचड़े में उलझा कर रखा हुआ है।
पांच यूरोपी देशों के प्रमुख से मिले
पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील की राजधानी रियो जी जनेरो में हैं। पीएम मोदी की यूरोप के पांच अहम देशों ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, पुर्तगाल और नार्वे के प्रमुखों से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें की। ऐसे समय जब दुनिया की नजर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव, यूक्रेन-रूस युद्ध, पश्चिमी एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर है तब भारतीय पीएम व कूटनीतिकारों ने यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों की समग्र समीक्षा की है।
ब्रिटेन में दो महावाणिज्य दूतावास खोलने का एलान
पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ने भारत-ब्रिटेन के बीच नई रणनीतिक साझेदारी की जरूरत बताई है और भारत जैसे एक विशाल इकोनमी के साथ रिश्ते को अपने देश में ज्यादा रोजगार पैदा करने व संपन्नता लाने के लिए जरूरी करार दिया है। पीएम मोदी ने भी इस रिश्ते के महत्व को रेखांकित किया है और ब्रिटेन में दो नये (बेलफास्ट व मैनचेस्टर) महावाणिज्य दूतावास खोलने का एलान किया।
ब्रिटेन के लिए क्यों जरूरी है भारत?
यह फैसला दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक व सांस्कृतिक संबंधों की जरूरत को देखते हुए किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय से मिली सूचना के मुताबिक, पीएम मोदी ने भारत में आर्थिक अपराध करके ब्रिटेन में रहने वाले अपराधियों के मुद्दे को सुलझाना जरूरी है। कानूनी आव्रजन व आवागमन पर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है, दोनों प्रधानमंत्रियों ने इसकी भी समीक्षा की है।
इसके बाद दोनों शीर्ष नेताओं ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को निर्देश दिया कि वह समग्र रणनीतिक साझेदारी के तहत बनी सहमतियों के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में कदम बढ़ाएं। इस निर्देश को इसलिए जरूरी माना जा रहा है कि ब्रिटेन में बार-बार सरकार का मुखिया बदलने से रणनीतिक साझेदारी के तहत बनी सहमतियों पर अमल करने में समस्या आ जाती है।
रिश्तों के रोडमैप पर भारत व इटली में बनी सहमति
पीएम मोदी ने इटली की पीएम जोर्जिया मेलोनी से भी अलग से मुलाकात की जिसमें वर्ष 2025-2029 के लिए भारत-इटली संयुक्त कार्य योजना को मंजूरी दी गई। इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा व कारोबार के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर खास महत्व देने की बात है। चूंकि हिंद प्रशांत क्षेत्र में इटली की रुचि लगातार बढ़ रही है, इसे देखते हुए उक्त रोडमैप में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है।
बनेगा रक्षा औद्योगिक रोडमैप
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सैन्य प्रशिक्षण, संवाद व आपसी विमर्श लगातार करने की भी सहमति बनी है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों को एक रक्षा औद्योगिक रोडमैप बनाने को कहा गया है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की अब सालाना बैठक को जारी रखने की भी बात है।