कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश युद्ध पर दिए गए भाषण को लेकर टिप्पणी करने पर माफी मांगी है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि “जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर” उन्होंने ट्वीट किया था. थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के उस अंश पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें पीएम मोदी ने ‘‘बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह’’ करने की बात कही थी. प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर ढाका में आयोजित मुख्य समारोह में बोल रहे थे.
शशि थरूर ने शनिवार को ट्विटर प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी एक खबर को शेयर करते हुए लिखा, “अगर मैं गलत हूं तो इसे स्वीकारने में मुझे बुरा नहीं लगता है. कल जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर मैंने ट्वीट किया था, “हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया.” जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया. लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया. सॉरी.”
शुक्रवार को ढाका में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि बांग्लादेश की आजादी के लिए उन्होंने सत्याग्रह किया था और इसके लिए जेल भी गए थे. उन्होंने कहा था, ‘‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था. मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी, जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था.’’
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के इसी हिस्से पर शशि थरूर ने टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया, “अंतरराष्ट्रीय ज्ञान: हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय ‘फर्जी खबर’ का स्वाद चखा रहे हैं. हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया.” शशि थरूर का इस ट्वीट से इशारा बांग्लादेश युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को लेकर था.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंदिरा गांधी के योगदान की चर्चा की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा था, “बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई को को भारत में हर तबके और हर राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. बांग्लादेश की आजादी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रयासों और उनके महत्वपूर्ण योगदान को सभी जानते हैं.” 1971 के युद्ध को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए, उनकी तस्वीरें विचलित करती थीं और भारत में लोगों को कई-कई दिन तक सोने नहीं देती थीं.
बांग्लादेश, इस साल अपने संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की जन्मशती “मुजीब वर्ष” मना रहा है. पीएम मोदी दो दिन (26-27 मार्च) के दौरे पर बांग्लादेश गए हैं. बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान की बेटियों- प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना को गांधी शांति पुरस्कार सौंपा जो भारत की ओर से रहमान को प्रदान किया गया है.