सच्चे मन से गणेश जी की पूजा की जाये तो वो अपने भक्तो पर जल्दी प्रसन्न होते है और मनचाहा वर प्रदान करते है। गणेश जी की कृपा जिस पर हो जाती है उसके सारे काम बिना किसी रुकावट के फटाफट हो जाते हैं।यदि आप भी भगवान श्रीगणेश की कृपा पाना चाहते हैं तो सच्चे मन और श्रद्धा भाव से श्रीगणेश की पूजा करें।
श्री गणेश की पूजन विधि:
बुद्धवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कर्म से शीघ्र ही निवृत्त हों।
दोपहर के समय सामथ्र्यनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी की भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
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संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। सिंदूर चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊँ गं गणपतयै नम:) बोलते हुए 21 दुर्वा दल चढ़ाए।
गुड़ या बूंदी के 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास चढ़ाएं और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
पूजा में भगवान श्री गणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें।
ब्राह्मण भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा प्रदान करने के पश्चात् संध्या के समय स्वयं भोजन ग्रहण करें।संभव हो तो उपवास करें।
व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर श्री गणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।