अगर आप की भी आदत है कि अपनी फेसबुक वॉल पर आने वाली किसी भी चीज को सिर्फ हेडिंग पढ़कर शेयर करते हैं, तो अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल, ऐसा देखा गया है कि बना पढ़े किसी पोस्ट को केवल आकर्षक हेडिंग के चलते शेयर करने की वजह से फर्जी खबरों की संख्या सोशल मीडिया में बढ़ी है।
इसे रोकने के लिए अब फेसबुक एक ऐसी तकनीक ला रहा है, जो किसी भी खबर को बिना पढ़े शेयर नहीं करने देगा। अगर यूजर कोई न्यूज या कंटेट शेयर करना चाहता है, तो उसे पहले उसे कंटेट को पढ़ना होगा। फेसबुक जर्मनी में इस नई तकनीक का ट्रायल करने जा रहा है, जिसमें थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर की मदद से फ्लैग्ड स्टोरिज भेजी जाएंगी। यदि फैक्ट चेकर को वह स्टोरी भरासेमंद नहीं लगती तो उस स्टोरी की प्राथमिकता कम कर दी जाएगी। ऐसे में उस स्टोरी को कम ही लोग देख पाएंगे। फिलहाल यह ट्रायल जर्मनी में ही हो रहा है लेकिन आने वाले दिनों में इसे दुनिया में किया जाएगा।
बिना पढ़े करते हैं शेयर:
फोर्ब्स की एक खबर के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत फेसबुक यूजर अच्छी हेडिंग देखकर ही किसी भी न्यूज या कंटेट को शेयर कर देते हैं। यूजर कभी भी उसे पढ़ते नहीं और जो इतनी हिम्मत करते हैं वो एक या दो पैरेग्राफ पढ़ने के बाद उसे छोड़ देते हैं। इसके चलते फर्जी खबरें तेजी से फैलती हैं।
हालांकि, कई न्यूज कंपनियां इस तरह की जावास्क्रिप्ट यूज कर रही हैं, जिससे पता चले कि कितने लोग उनके आर्टिकल को कहां तक पढ़ते हैं। फेसबुक भी इस तरह के मैट्रिक्स पर काम कर रहा है जिसमें वो अपने एल्गोरिदम में पिछले कुछ सालों में कई बदलाव करते हुए यह देखने की कोशिश में है कि असल में कितने लोग एक आर्टिकल को पढ़कर शेयर करते हैं।
इस तरक फेसबुक उन आर्टिकल्स की प्रायोरिटी घटा देता है जिन्हें यूजर्स ने बिना पढ़े शेयर किया हो। इसके चलते यह आर्टिकल उस यूजर के अन्य दोस्तों के पेज पर शो नहीं होता। क्या हो अगर फेसबुक इस आंकड़े को हर पोस्ट के उपर की तरफ राइट साइड में दिखाए? फेसबुक ने ऐसे पब्लिक इंडिकेटर लगाने का प्रस्ताव दिया है, जो यह बताएंगे कि जो खबर शेयर की जा रही है उसे उसका फैक्ट चेकर फर्जी बता रहा है।
ऐसे होगी चेकिंग:
जब आपका कोई दोस्त कोई आर्टिकल शेयर करेगा, तो उसमें तीन इंडिकेटर होंगे। एक में यह पता लगेगा कि इस आर्टिकल पर फेसबुक के कितने लोग समय दे रहे हैं। दूसरे में पता लगेगा कि आपके सोशल ग्रुप के कितने लोग समय बिता रहे हैं, तीसरे में बताएगा कि आपके नेटवर्क के कितने लोग इस पर समय दे रहे हैं। इन तीनों को मिला दिया जाए तो एक नया मैट्रिक्स तैयार होगा जो यह बताएगा कि अगर दुनिया में कोई आर्टिकल पढ़ा जा रहा है, लेकिन आपके ग्रुप में इसे कोई नहीं पढ़ रहा तो इसका मतलब है कि इसे लेकर कोई इंटरेस्टेड नहीं है। वहीं, आपके ग्रुप में कोई चीफ वायरल है लेकिन दुनिया में इसे कोई नहीं पढ़ रहा इसका मतलब होगा कि यह फर्जी हो सकती है।