दुनिया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों की समीक्षा करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि देर तक जागने वाले लोगों का खानपान ज्यादा खराब रहता है। इंसानी शरीर 24 घंटे के चक्र पर चलता है, जो जैविक घड़ी से नियंत्रित होता है। यह आतंरिक घड़ी हमारे शरीर के कई कामों को नियमित करती है। मसलन यह बताती है कि आपको कब खाना है, कब सोना और कब जागना है। यह आंतरिक घड़ी प्राकृतिक प्राथमिकता के आधार पर यह जल्दी उठने और जल्दी सोने की दिशा में काम करती है।

अगर आप भी देर रात अपने स्मार्टफोन लैपटॉप या टीवी से चिपके रहते हैं, तो सावधान हो जाएं। एक नए अध्ययन में पता चला है कि रात में ‘उल्लू’ की तरह जागने वालों में दिल की बीमारी और डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययनों की समीक्षा के बाद पाया कि देर रात तक जगने वाले लोगों में दिल की बीमारी और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या ज्यादा थी। जो लोग रात में देर से सोते हैं, उनके गैर पौष्टिक डाइट के अपनाने की आशंका ज्यादा होती है। ये लोग शराब, चीनी, चाय-कॉफी और फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं। जबकि जल्दी उठने वाले लोगों में ऐसा कम देखने को मिलता है। दिन में देर से खाने का संबंध टाइप-2 डायबिटिज के जोखिम से भी पाया गया क्योंकि शरीर के अंदर की घड़ी शरीर को ऊर्जा देने के लिए ग्लूकोज को रास्ता देती है। ग्लूकोज का स्तर प्राकृतिक तरीके से दिनभर नीचे गिरता है और रात में वह बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच जाता है। मगर रात में जगने वाले लोग अक्सर बिस्तर पर जाने से पहले तक खाते हैं, इसलिए उनके ग्लूकोज का स्तर उस समय भी बढ़ा रहता है, जब वे सोने जाते हैं।
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शोध के मुताबिक देर से सोने वाले लोगों के खानपान का समय भी गड़बड़ा जाता है। देर से सोने की वजह से वे उठते भी देर से हैं, जिससे सुबह के नाश्ते का समय निकल जाता है और वे दिन में देर से खाना खाते हैं। उनके खानपान में अनाज, सब्जी और फलों की मात्रा भी कम होती है। ऐसे लोग दिन में कम बार खाना खाते हैं, लेकिन मात्रा ज्यादा लेते हैं। ये चीजें इस ओर साफ संकेत करती हैं कि आखिर क्यों देर तक जगने वाले लोगों की सेहत को ज्यादा खतरा रहता है।
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