जल ही जीवन है, ये बात हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। हमारे शरीर के सभी अंग ठीक से काम करते रहें इसके लिए बॉडी में पानी का होना बहुत जरूरी है। खासतौर पर गर्मियों में पसीना ज्यादा निकल जाने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। शरीर में बैक्टीरिया, वायरस जैसे इन्फेक्शन होने पर भी डॉक्टर्स ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। अब सवाल यह उठता है, क्या पानी पीने का भी कोई सही या गलत तरीका होता है? इस बारे में आपने घर के बुजुर्गों से कई बार सुना होगा। यहां हैं कुछ ऐसे ही टिप्स जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
बैठकर पिएं पानी
हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि खड़े होकर पानी पीने के नुकसान हो सकते हैं। बताया जाता है कि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो शरीर में तरल पदार्थों का बैलेंस बिगड़ जाता है। ऐसा होने पर जोड़ो से जुड़ी समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि डॉक्टर्स की सहमति इस बात पर नहीं है।
ग्लास से पिएं पानी
अक्सर लोग बॉटल से डायरेक्ट पानी पी लेते हैं। घर के बड़े इसको लेकर टोकते भी हैं पर कोई ध्यान नहीं देता। बोतल से पानी पीना ठीक नहीं। हमें हमेशा ग्लास में पानी लेकर घूंट-घूंट करके पीना चाहिए। इसकी एक वजह यह बताई जाती है कि जब हम बॉटल से डायरेक्ट पानी पीते हैं तो एक-दो घूंट में उस वक्त के लिए गला तर हो जाता है और हम पानी कम पीते हैं। अगर आप ग्लास में लेकर पानी पीते हैं तो पूरा ग्लास खत्म करते हैं और शरीर में ज्यादा पानी पहुंचता है। पानी का एक छोटा सिप लें, इसको निगल लें फिर सांस लें। आयुर्वेद में पानी पीने का ये सही तरीका माना जाता है।
ना पिएं ज्यादा ठंडा पानी
बहुत ठंडा पानी पीने से आपके डाइजेशन की प्रक्रिया डिस्टर्ब होती है। गुनगुना पानी पीने के कई फायदे हैं। पानी ना ज्यादा ठंडा, ना ज्यादा गर्म बल्कि कमरे के तापमान जितना होना चाहिए। जब आपको प्यास लगे तब पानी पिएं। रोजाना ढाई से तीन लीटर पानी पीने का लक्ष्य रखें।