अगर आपकी कोई मनोकमना है तो सिर्फ इनके कानों में बोलने से आपकी मनोकमना भगवान तक जरुर पहुंच जाती तुरन्त पूरी होती…

इच्छा को पूर्ण करने के लिए व्रत, उपवास, पूजापाठ, हवन , यज्ञ और जाने क्या क्या करते है. लेकिन फिर भी मनोकामना पुरी नहीं हो पाती है. आपकी भी ऐसी कुछ इच्छा होगी, जो पूरी नहीं हो पा रही.

हर इंसान के दिल में कुछ इच्छाएं और मनोकामना पूरी होती है, जिसको पूरा करने के ख्वाब वो हमेशा देखता है.

तो हम आपको एक सरल और आसान उपाय बताएँगे आपकी इच्छा पूरी होगी ! जिसमे कुछ नहीं बस सच्चे दिल से भगवान को याद करके भगवान के इन दूतों के कानो में यह बात बोलनी है. लेकिन ध्यान रहे मनोकामना किसी के अहित, बुराई सोचकर या किसी को नीचा दिखने की गलत भावना से ना जुड़ी हो.

शनिदेव खुश हुये है इन राशियों के ऊपर घर आएँगी खुशियाँ बरसेगी शनिकृपा साढ़ेसाती खत्म…

तो आइये जानते है कैसे होती है मनोकामना पूरी

नंदी

नंदी को भगवान् शिव का दूत माना जाता है और हर शिव मंदिर के बाहर नदी की मूर्ति रखी जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस नंदी के कानों में अपनी इच्छा बोलने से मनोकामना पूरी होती है.

मूषक

विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, गणेशजी की सवारी मूषक महाराज है.

गणेशजी की मूर्ति के साथ मूषक की मूर्ति भी मंदिरों में रखी जाती है. कहा जाता है कि मूषक के कानों में अपनी इच्छा बोलने से इच्छा गणेशजी तक पहुँचती है और इंसान की हर इच्छा पूरी हो जाती है.

सिंह

सिंहराज को माता रानी की सवारी कहा जाता है. माता रानी अपनी इसी सवारी के साथ आती और जाती है. इसलिए माता रानी से अपनी इच्छा पूर्ण करने से लिए सिंह के कानो में बात बोलने से इच्छा पूरी होने की बात कही जाती है.

यह सब देवी देवताओं की सवारियां है. जिनके लिए कहा जाता है कि हर भगवान अपनी इन्ही सवारी में आते और जाते है.

इसलिए जब भी मंदिर जाएँ इनके कानो में अपनी मनोकामना जरुर बोलें. यह दूत आपकी इच्छा भगवान तक जरुर पहुंचाते है जिससे आपकी इच्छा पूरी हो जाती है.

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