उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ खातों में जमा 2,268 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (डीएचएफएल) में फंसने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को योगी सरकार पर निशाना साधा.
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार डर रही है और इसीलिए वह सच्चाई को छिपा रही है. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद बिजली कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसे को डीएचएफएल में निवेश किया गया. उससे पहले ईपीएफ राशि को डीएचएफएल में निवेश नहीं किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘बिजली विभाग महत्वपूर्ण विभाग है. कर्मचारियों ने मेहनत करके विभाग को खड़ा किया है. उसमें इतना बड़ा घोटाला हुआ है. डीएचएफएल को कब भुगतान हुआ वो एफआईआर की कॉपी में है. उस समय यूपी में सपा सरकार नहीं थी. हमारी सरकार के समय डीएचएफएल को कोई भुगतान नहीं हुआ.’
सपा प्रमुख ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की. अखिलेश यादव ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट या हाई के जज की निगरानी में इस मामले की जांच की जाए.
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार घबराई हुई है. सच्चाई छिपा रही है. बिजली विभाग में हुए घोटाले के लिए योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं. समाजवादी पार्टी सिटिंग जज से जांच कराने की मांग करती है. मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन अफसरों पर आरोप हैं वो अभी सीट पर बैठे हुए हैं.