उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रयागराज नहीं जाने दिया जा रहा और लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक दिया गया. असल में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के वार्षिकोत्सव को लेकर तनाव का माहौल है. समाजवादी छात्र सभा ने अखिलेश यादव को इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उनके कार्यक्रम पर रोक लगा दी है.
अखिलेश को रोके जाने के बाद समाजवादी पार्टी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रही है. इस दौरान पुलिस ने वहां लाठीचार्ज किया, जिसमें बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव घायल हो गए हैं. धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर रहे थे.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका की वजह से अखिलेश को रोका गया है. इस घटना के बाद अखिलेश योगी सरकार पर हमलावर हैं, तो वहीं उन्हें मायावती का भी साथ मिला है.
अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस करके योगी सरकार पर हमले किए हैं. उन्होंने कहा कि एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई अड्डे पर रोका जा रहा है. सरकार का मन साफ नहीं था इसीलिए हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है. जबकि हमने अपने इस कार्यक्रम को पहले ही 27 दिसंबर 2018 को भेजा गया था.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर अखिलेश यादव को एयरपोर्ट पर रोके जाने का विरोध किया. उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा कि राज्य और केंद्र सरकार सपा-बसपा गठबंधन से घबरा गई है. इसलिए अलोकतांत्रिक तरीके से कार्रवाई कर रही है.
उधर, अखिलेश यादव ने पूरे मामले पर नोट जारी कर बताया है कि उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के लिए परमीशन मांगी थी जिसे सरकार के मना करने के बाद प्रोग्राम बदल दिया गया था और अब अखिलेश को प्रयागराज मे अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरी से मिलने जाना था और प्रयागराज मे ही रहना था. लेकिन सरकार ने डर कर अखिलेश को जाने ही नही दिया.
इस खबर के फैलने के बाद विधान परिषद और विधानसभा दोनों जगह हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद असेंबली को कल तक के लिये स्थगित करना पड़ा. यूपी सरकार के इस कदम की सपा- बसपा समेत कांग्रेस ने भी भारी आलोचना की है. विपक्ष ने ये भी कहा है कि इस मुद्दे को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में मंगलवार को कहा- ‘प्रयागराज में कुंभ चल रहा है. सरकार ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अनुरोध पर यह कदम उठाया है, क्योंकि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती थी.’
राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अरविंद कुमार ने अपने बयान में कहा है, ‘प्रतिद्वंद्वी छात्र गुटों में बैर को देखते हुए शांति भंग की आशंका थी, जिसकी वजह से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैम्पस में किसी राजनीतिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी और इसकी जानकारी भी दे दी गई. कुंभ की वजह से पहले से ही प्रयागराज में काफी भीड़ है. जिला प्रशासन ने माननीय पूर्व सीएम के कार्यालय और लखनऊ के डीएम को इसके बारे में जानकारी भी दे दी थी.’
छात्रसंघ वार्षिकोत्सव के इस आयोजन को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल है. कार्यक्रम के विरोध में एबीवीपी से जुड़े छात्रसंघ महामंत्री शिवम सिंह ने आमरण अनशन शुरू किया है. रविवार दोपहर उनके अनशन स्थल के पास ही छात्रसंघ भवन के सामने चार बम फेंके गए और इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया.
इस घटना के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष और महामंत्री खुलकर आमने-सामने आ गए. एबीवीपी का आरोप है कि सपाइयों ने ही बम चलाए, जबकि छात्रसंघ अध्यक्ष ने बमबाजी के लिए अराजक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है. समाजवादी पार्टी, मलीहाबाद की ईकाई ने अखिलेश को एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना का एक वीडियो भी शेयर किया है.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रशासन की एडवायजरी कमेटी ने 12 फरवरी को छात्रसंघ वार्षिकोत्सव में होने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यक्रम पर रोक लगा दी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि छात्रसंघ का गठन राजनीति के लिए नहीं होता है और सांस्कृतिक गतिविधियों में राजनीतिज्ञों को दूर रहना चाहिए. छात्रसंघ भवन के आसपास बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है.
एबीवीपी ने इस कार्यक्रम पर सपा के कब्जा करने का आरोप लगाया है. एबीवीपी नेताओं का कहना है कि छात्रसंघ पर भव्य मंच तैयार किया गया है. टेंट आदि लखनऊ से मंगाए गए हैं. आयोजन स्थल पर सपा के तमाम बड़े नेता तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में छात्रसंघ वार्षिकोत्सव पर सपाइयों का कब्जा हो गया है. फिलहाल छात्र संघ अध्यक्ष पद पर समाजवादी छात्र सभा और महामंत्री पद पर एबीवीपी का कब्जा है.
बदला कायर्क्रम
इस बीच अखिलेश यादव के कार्यक्रम को बदल दिया गया है. इसके मुताबिक दावा किया गया है कि अखिलेश यादव का यूनिवर्सिटी में कोई कार्यक्रम है ही नहीं. कार्यक्रम के मुताबिक वह सिर्फ अखाड़ा परिषद और श्री मठ बाघम्बरी गद्दी ही जाने वाले थे. हालांकि उनके सुबह 11.15 से दोपहर 2 बजे तक के कार्यक्रम को आरक्षित रखा गया है.
बदले की राजनीति!
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के कार्यक्रम अक्सर सियासी अखाड़े की वजह बनते रहे हैं. साल 2014 में जब छात्रसंघ की अध्यक्ष ऋचा सिंह थीं, तो एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. उस समय प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी. तब सपाइयों के जोरदार विरोध की वजह से योगी आदित्यनाथ को रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा था.