लखनऊ। कोई इंसान किसी परेशानी में फंसे लोगों की मदद केवल इसलिए नहीं करता कि क्योंकि वह डरता है कि कहीं खुद न फंस जाए। यहीं कारण हैं कि बड़े हादसे होने पर भी लोग मदद करने के बजाय तमाशा देखतें है। आम लोगों की इसी नजरिये को बदलने के लिए जिला प्रशासन ने अब किसी पीड़ित की मदद करने वाले बहादुरों को जिला स्तर पर बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया है। ताकि लोग ऐसे पीड़ितों की मदद के लिए खुद आगे आए।
पीड़ित की मदद के लिए आगे आएं लोग
लखनऊ जिला प्रशासन ने परेशानी में फंसे लोगों की मदद करने वालों को लखनऊ महोत्सव के दौरान हर साल बहादुरों को 50 हजार रुपये की नगद व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाएगा। अगर कहीं सड़क दुर्घटना, आग लगने के हादसे, NH पर किसी को कोई परेशानी, प्राकृतिक आपदा से किसी जनहानि को रोकने के लिए, किसी बच्चे या महिला को उत्पीड़न व हिंसा से बचाने पर, सड़क हादसे के दौरान घायल की मदद कर जान बचाने में उनकी मदद को आगे आने वालें लोगों को बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार की कई श्रेणियां
इस सम्मान के लिए बहादुरी की अलग-अलग श्रेणियों में योग्य उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। यह जानकारी जिलाधिकारी राजशेखर ने गुरुवार को दी। डीएम राजशेखन ने कहा कि अक्सर ये देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना, आग लगने के हादसे, नेशनल हाइवे पर विपदा में फंसे लोगों को बचाने वाला कोई बहादुर नहीं मिलता। डीएम ने कहा कि हर साल लखनऊ महोत्सव के दौरान बहादुरी पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं हर माह आयोजित होने वाले गंजिंग कार्निवाल में भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।