हिंदू धार्मिक शास्त्रों में टॉयलेट के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका वैज्ञानिक महत्व भी है। हिंदू धर्म में प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। जनेऊ धारण करने के बाद ही द्विज बालक को यज्ञ तथा स्वाध्याय करने का अधिकार प्राप्त होता है। जनेऊ संस्कार हिन्दू धर्म के प्रमुख 24 संस्कारों में से एक है, यह ‘उपनयन संस्कार’ के अंतर्गत आता है और इसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ भी कहा जाता है। सूत से बना पवित्र धागा होता है जनेऊ, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनता है। अब जानते हैं, जनेऊ के फायदे…