2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार में केस में स्पेशल कोर्ट ने बीजेपी विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 को दोषी ठहराया था. आज इस केस का फैसला गुजरात हाईकोर्ट से आना है. मामला 16 बरस पहल का है जब 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया में भीषण नरसंहार किया गया और 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाई गई और इन लपटों में पूरा गुजरात जला था. नरोदा पाटिया में हुए दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसमें 33 लोग जख्मी भी हुए थे.
नरोदा पाटिया नरसंहार को जहां गुजरात दंगे के दौरान हुआ सबसे भीषण नरसंहार है वही यह मामला विवादास्पद भी है. ये गुजरात दंगों से जुड़े नौ मामलों में एक है, जिनकी जांच एसआईटी ने की थी. नरोदा पाटिया दंगे के बारे में एसआईटी ने कोर्ट से कहा था कि घटना वाली सुबह विधानसभा में शोक सभा में शामिल होने के बाद साढ़े नौ बजे माया कोडनानी इलाके में गई थीं. वहां उन्होंने लोगों को अल्पसंख्यकों पर हमले के लिए उकसाय़ा था. एसआईटी के मुताबिक माया कोडनानी जब वहां से चली गईं तो इसके बाद लोग दंगे पर उतर आए. हालांकि, स्पेशल कोर्ट के फैसले को कोडनानी के वकील ने ये कहते हुए चुनौती दी है कि उनके खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं हैं.
नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा अगस्त 2009 में शुरू हुआ था. कुल 62 आरोपी बनाए गए थे. सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त विजय शेट्टी की मौत हो गई थी. इस मामले में पिछले साल विशेष अदालत ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि 29 अन्य लोगों को बरी कर दिया. दोषी ठहराए गए 32 लोगों की अर्जी पर ही आज गुजरात हाईकोर्ट फैसला सुनाने वाला है. इसमें माया कोडनानी को आजीवन कारावास और बाबू बजरंगी को जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा सुनाई गई थी.
गौरतलब है कि गुजरात में 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के डिब्बे में हुई कार सेवकों की मौत के बाद पूरे गुजरात में फैले दंगों के दौरान, 28 फरवरी, 2002 को नरोदा पाटिया में हमला हुआ था, जिसमें 97 लोगों की मौत हो गई थी.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal