पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि वह राष्ट्रीय राजनीति के लिए पंजाब को छोड़ने में कोई रुचि नहीं रखते। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें और पार्टी की शान को पुनर्जीवित करने में पूरी तरह समर्थ हैं।
अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर करवाए गए समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली लीडरशिप का चुनाव कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) पर टिकी हुई है और हर कोई चाहता है कि 130 साल पुरानी पार्टी फिर सत्ता में आए और खोई हुई शान को फिर से हासिल करे।
नई लीडरशिप के उभार की जरूरत को समझते हुए कैप्टन ने कहा कि सोनिया गांधी को आगे आने के लिए कहना उचित नहीं है, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों से सोनिया गांधी के साथ काम करने के बाद उन्होंने देखा कि वह एक योग्य नेता हैं जो एक व्यक्ति को नौकरी देने और उसे सहारा देने में सहायता प्रदान करने के आधुनिक संकल्प में विश्वास रखती हैं।
कैप्टन ने कहा कि राहुल गांधी के पास पार्टी के नेता के तौर पर नेतृत्व करने का सामर्थ्य है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने पार्टी की बागडोर न संभालने की जिद पकड़ी हुई है।
भारत में नौजवानों की 70 प्रतिशत आबादी होने के कारण नौजवान लीडरशिप की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और राहुल यह भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जीत और हार राजनीति का हिस्सा है और एक हार (2019 के लोकसभा चुनाव) राहुल गांधी को रोक नहीं सकती। उन्होंने कहा कि मैं अपने पहले दो चुनावों में हारा लेकिन अगर मैं इस हार से निराश होकर घर बैठ जाता तो इस जगह पर न होता।
प्रियंका गांधी को अपनी मां और दादी दोनों के गुणों वाली एक समझदार और दृढ़ इरादों वाली महिला बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल और प्रियंका दोनों सख्त हैं लेकिन हमसे बहुत नम्रता रखते हैं।
कांग्रेस के नए प्रधान के तौर पर उन्हें पद संभालने के लिए कहने के बारे में कैप्टन ने कहा कि वह पंजाब छोड़ना नहीं चाहते और वह अपने राज्य के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह दो बार सांसद रह चुके हैं लेकिन वह इसे पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग स्थानीय नीतियों से ज्यादा प्रभावित हैं और राष्ट्रीय नीतियों की परवाह नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम को ‘आया राम गया राम ’ बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि सभी मामलों में पैसा शामिल था। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के काम करने की विधि नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे दो बार चुनी हुई सरकार को सत्ता से बाहर निकालने के लिए निदंनीय ढंग कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी चीज लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करती है।
कैप्टन ने कहा उन्हें नहीं पता था कि नवजोत सिंह सिद्धू के दिमाग में क्या चल रहा है लेकिन पूर्व मंत्री निश्चित तौर पर कांग्रेस का हिस्सा हैं और उनको विधायक के तौर पर काम करने में कोई मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह सिद्धू को बचपन से जानते हैं और वह एक अच्छे व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री ने यू-ट्यूब चैनल को लांच करने के सिद्धू के फैसले को उनका (सिद्धू) अपना मामला बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब में बहुत से चैनल हैं और अगर सिद्धू महसूस करते हैं कि यह लंबे समय के लिए सहायता करेगा, तो उन्हें करने दो।
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख इख्तियार करने की मांग करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार बरगाड़ी और बेअदबी से संबंधित अन्य मामलों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अकालियों को लगता है कि हम बेअदबी के मामलों और अन्य गंभीर मुद्दों पर चुप बैठे हैं तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने आगे कहा कि वह अकालियों के साथ ‘तू-तू मैं-मैं’ करने में विश्वास नहीं रखते बल्कि वह अपना सारा ध्यान राज्य के गंभीर मामलों को हल करने की तरफ लगाना चाहते हैं।
अपनी सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर करवाए गए समागम के दौरान कैप्टन ने कहा था कि उनका सारा ध्यान नशे, गैंगस्टरवाद और राजनीतिक हत्याएं जैसे मामलों से निपटने पर केंद्रित है जो अकाली-भाजपा शासन अधीन चल रहे थे और इनसे प्रभावशाली ढंग से निपटा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अब पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों को पंजाब का माहौल खराब नहीं करने देगी।
उन्होंने केंद्र सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंजाब कश्मीर नहीं है और इसके मुकाबले के लिए पूरी तरह समर्थ है। कश्मीर में आतंकवाद के विरुद्ध सेना लड़ाई जारी रख सकती है, परंतु पंजाब में सरहदों की रक्षा के लिए बीएसएफ के साथ-साथ 85000 पुलिस फोर्स पूरी तरह तैयार है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन एक्ट, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर, राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर को हास्यास्पद और असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि उनके समेत आधा पंजाब भारतीय होने का सबूत देने के लिए जन्म प्रमाण पत्र पेश नहीं कर सकता। कैप्टन ने कहा कि पंजाब के बहुत से लोग पाकिस्तान से आए हैं और क्या केंद्र जन्म सर्टिफिकेट लेने के लिए उनके पाकिस्तान जाने की उम्मीद रखता है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तक कि उनके पास भी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। जब उनका जन्म हुआ, उस समय पर ये बातें नहीं होती थीं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की जनगणना की नई प्रणाली के तहत वह भी संदिग्ध पात्र बन जाएंगे। कैप्टन ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार इन एक्ट का कड़ा विरोध करती है और पंजाब में आम जनगणना की जाएगी जो धर्म, जाति और नस्ल पर आधारित नहीं होगी।
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से इन कानूनों और दस्तावेजों को सिद्ध करने की कोशिश संबंधी पूछे सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि मुल्क के लिए लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिकों को भी गैर-भारतीय घोषित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 72 वर्षों से भारत एक विविधतापूर्ण देश रहा है और संविधान व इसकी प्रस्तावना की सच्ची भावना के अनुसार विभिन्न धर्मों, जातियों के लोग मिलकर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अचानक वह मुल्क की इस विलक्षणता को मिटाना चाहते हैं, जिसे स्वीकृत नहीं किया जा सकता।