पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति की कायल है। धोती कुर्ता व साड़ी का देसी पहनावा के प्रति उत्साहित रहने वाले विदेशी भक्त हरे रामा हरे कृष्णा का मंत्र जप रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे नेल्सन मंडेला भी हरे रामा हरे कृष्णा मंत्र के कायल थे।
यह बात न्यूजीलैंड व दक्षिण अफ्रीका के इस्कॉन मंदिर की गवर्निग बॉडी काउंसिल भक्ति चैतन्य स्वामी ने दैनिक जागरण के साथ हुई बातचीत में कही। चैतन्य स्वामी कानपुर में हो रहे इस्कॉन गवर्निग बॉडी काउंसिल के पहले सम्मेलन में शिरकत करने आए हैं। उन्होंने बताया कि नेल्सन मंडेला भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद व उनके संतों को आध्यात्मिक क्रांतिकारी कहा करते थे। वह मानते थे कि यह मंत्र विश्व में वसुधैव कुटुंबकम की स्थापना करने की क्षमता रखता है। दक्षिण अफ्रीका में प्रतिवर्ष होने वाली चार दिवसीय रथ यात्रा में डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु भाग लेते हैं। वहां पर 20 से अधिक इस्कॉन मंदिर हैं।
ऑकलैंड यूनिवर्सिटी में मिली संन्यासी बनने की प्रेरणा
न्यूजीलैंड से आए भक्ति चैतन्य स्वामी को ऑकलैंड यूनिवर्सिटी में 1972 में हुए प्रभुपाद के व्याख्यान ने कृष्ण भक्ति का मार्ग दिखाया। वह उनके व्याख्यान से इतने प्रेरित हुए कि एक वर्ष बाद संन्यासी बन गए। उन्होंने बताया कि भगवान का विषय पढ़ाया नहीं जाता है लेकिन प्रभुपाद ने यहां पर उनकी भक्ति व शक्ति को वैज्ञानिक तरीकों से बताया जो आज तक उनके जेहन में ताजा है।
कानपुर के मंदिर व परंपराओं से है लगाव
उन्होंने बताया कि जब-जब कानपुर आते हैं यहां के मंदिर व यहां की परंपराएं अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ¨हदी भाषा में रुचि बढ़ने लगी और अब कुछ ¨हदी भी बोल लेता हूं।
इंजीनिय¨रग छोड़ अपनायी कृष्ण भक्ति
रूस से इस सम्मेलन में शिरकत करने आए गौरव कृष्ण दास जिनका पूर्व में नाम अंद्रे था उन्होंने इंजीनिय¨रग छोड़ कृष्ण भक्ति को अपनाया। कृष्ण भक्ति की पुस्तकों व कीर्तन से उन्हें इस्कॉन से जुड़ने की प्रेरणा मिली। उनकी पत्नी अंजालिका भी इससे जुड़ी हैं। वह बताते हैं कि न्यूजीलैंड में करीब सौ इस्कॉन व कृष्ण मंदिर हैं जिनमें जन्माष्टमी के दिन दस हजार से अधिक श्रद्धालु आते हैं। जीवन की उधेड़बुन के बीच कृष्ण भक्ति की पुस्तकों से हर समस्या का हल मिला और प्रभु की शरण में आ गए।
कृष्ण कथा रही आकर्षण का केंद्र
गवर्निग बॉडी काउंसिल के सम्मेलन में गुरुवार को कृष्ण कथा आकर्षण का केंद्र रही। अमेरिका से आए पंचरत्न दास ने इस दौरान कालिया मर्दन का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण अपने भक्तों के लिए बहुत दयालु हैं। वह अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं कालिया को दंडित करके उन्होंने अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान की। इसके बाद प्रचार रणनीतियां बनाने के लिए बैठक हुई।