जिले में हरियाणा शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी अभिभावकों के लिए सिरदर्द बन गई है। कुछ दिन पहले टिब्बी अरायांवाला गांव में अध्यापकों की कमी की वजह से प्रदर्शन किया था। वहीं अब यमुनानगर जिले के गांव मलिकपुर खादर में भी अभिभावक स्कूल पहुंचे और शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।
अभिभावकों का कहना है कि सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी की वजह से 10 अध्यापकों में से 8 अध्यापकों का ट्रांसफर हो गया है। जिससे हमारे बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है। हम इतने अमीर नहीं है कि अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सके। ऐसे में हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि जल्द से जल्द अध्यापकों को स्कूल में लगाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जाती तो हम आने वाले लोकसभा चुनाव का बायकॉट करेंगे। क्योंकि अब हम सरकार के साथ हैं आने वाले वक्त में हम सरकार के साथ नहीं होंगे।
ग्रामीणों ने यह भी मांग उठाई है कि स्कूल को आठवीं से बढ़कर दसवीं तक किया जाए ताकि हमारे बच्चों को ज्यादा दूर न जाना पड़े। आपको बता दें कि मलिकपुर खादर गांव में यह आठवीं तक का स्कूल है। इस स्कूल में पहले 10 अध्यापक थे, लेकिन ट्रांसफर पॉलिसी की वजह से आठ अध्यापकों ने यहां से अपना ट्रांसफर करा लिया है। अब बच्चे स्कूल तो आ रहे हैं लेकिन उनकी कक्षाएं कोई नहीं ले रहा है। बच्चे तो क्लास में बैठे हैं, लेकिन कुर्सियां अभी भी खाली है। ऐसे में अभिभावकों को इंतजार है कि खाली कुर्सियों पर जल्द से जल्द अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है अगर जल्द अध्यापक नहीं आते तो हम किसी भी नेता को गांव में आने नहीं देंगे। अब देखना होगा आने वाले वक्त में अभिभावकों की मांग पर शिक्षक भाग कितनी गौर फरमाता है?
हरियाणा शिक्षा विभाग के ट्रांसफर पॉलिसी से गांव के राजकीय माध्यमिक स्कूल से 8 अध्यापकों का एक साथ ट्रांसफर हो गया है। जिससे बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं चल रही है। महिलाओं ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है।
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