भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में अवैध खनन मामले में खान एवं भूविज्ञान विभाग के 7 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का फैसला लिया गया है। इसका खुलासा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सौंपे गए हलफनामे में हुआ है। हलफनामे में मुख्य सचिव विवेक जोशी कहना है कि हरियाणा सिविल सेवा (दण्ड एवं अपील) 2016 नियम के तहत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह सभी अधिकारी 2017 से जनवरी 2022 के बीच में विभाग में काम करते थे।
जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक हलफनामे में कहा गया है कि खनन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद, भूपेंद्र सिंह और निरंजन लाल; सहायक खनन अभियंता आरएस ठाकरान; तथा खनन निरीक्षक राजेश, मंजीत और सोनू के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। दरअसल डाडम खदानों को 29 अक्टूबर 2015 से 22 नवंबर 2017 तक मेसर्स सुंदर मार्केटिंग एसोसिएट्स को पट्टे पर दिया गया था।
जिसके बाद इनकी नीलामी भी की गई थी, इस नीलामी में 11 अक्टूबर 2018 को गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स ने बोली जीत ली थी। जब अवैध खनन का मामला सामने आया तो इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राकेश दलाल नाम के व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका के जरिये राकेश दलाल ने कहा था कि जमीन में गड्डे खोदे गए हैं।
हाईकोर्ट का कहना था कि मामला अवैध खनन से जुड़ा हुआ है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को हलफनाम दायर करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने रिटायर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतम पाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। 1 जनवरी 2022 को खनन एरिया पर एक दुर्घटना में पांच श्रमिकों की जान चली गई थी।
जिसके बाद NGT की ओर से खनन कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था और डाडम में खनन का काम बंद करवा दिया गया था। 27 जनवरी को उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने अदालत को मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से अवगत कराया था।
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