फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दो टूक कहा कि जो मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर परेशान हैं, वो उनका सम्मान करते हैं, लेकिन इसके बदले में हिंसा उन्हें कतई स्वीकार नहीं है। बता दें, कॉर्टून विवाद के बाद पिछले दो हफ्तों में फ्रांस में हिंसा काफी बढ़ गई है, जिसके बाद सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
पेरिस में एक स्कूल टीचर की हत्या करने के बाद से हिंसा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में नीस के चर्च में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और शनिवार को लियोन में एक पादरी को गोली मार दी गई। इसके बाद मैक्रों ने देशभर में तैनात सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी। फ्रांस में स्कूलों और पूजास्थलों के पास सैनिकों की तैनाती को ज्यादा बढ़ाया गया है।
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद से दुनियाभर के मुस्लिम और खासकर मुस्लिम देश फ्रांस को निशाना बनाए हुए हैं। कई देशों ने फ्रांस के सामान के बहिष्कार की भी अपील की है।
इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने एक मीडिया संस्थान को अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि फ्रांस के मकसद को गलत ढंग से लिया जा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि फ्रांस कभी भी हिंसा के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की जाएगी, जिसमें कार्टून छापना शामिल है।
हालांकि उन्होंने आगे सफाई देते हुए कहा कि वह या उनके अधिकारी पैगंबर के कार्टून का समर्थन नहीं करते हैं और ना ही फ्रांस मुस्लिम विरोधी है। मैक्रों ने कहा कि वो समझते हैं और इस बात का सम्मान करते हैं कि इस कार्टून से कई लोगों को ठेस पहुंची है लेकिन मैं हिंसा की बात को स्वीकार नहीं करूंगा।
मैक्रों ने आगे कहा कि वो अपने देश की लिखने, पढ़ने और ड्रॉ करने के अधिकार की रक्षा करेंगे और मेरी भूमिका चीजों को शांत करने की है, जो मैं कर रहा हूं लेकिन साथ ही इनके अधिकार की भी रक्षा करना मेरा धर्म है।