कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी द्वारा प्रस्तावित ‘चार दिवसीय टेस्ट’ का कड़ा विरोध किया. शनिवार को उन्होंने कहा कि वह खेल के पारपंरिक पांच दिवसीय प्रारूप में छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हैं. कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर अपनी बात रखी.
आईसीसी व्यवसायिक रूप से लुभावने संक्षिप्त प्रारूपों के लिए ज्यादा दिन निकालने के लिए 2023 से 2031 की अगले एफटीपी कार्यक्रम में चार दिवसीय टेस्ट मैच आजमाना चाहता है. हालांकि इसका अभी प्रस्ताव ही दिया गया है और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस प्रारूप को आजमाने की इच्छा व्यक्त की. सीनियर गेंदबाज नाथन लियोन ने इसे ‘हास्यास्पद’ करार किया.
कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टी-20 की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा, ‘मेरे हिसाब से, इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. जैसा कि मैंने कहा कि डे-नाइट मुकाबला टेस्ट क्रिकेट का व्यवसायीकरण की ओर एक और कदम है. इसके लिए रोमांच पैदा करना एक अलग बात है, लेकिन इसमें ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. मैं ऐसा नहीं मानता.’
भारत ने हाल में डे-नाइट टेस्ट खेला और कोहली अभी पांच दिवसीय प्रारूप में केवल यही बदलाव देखना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘मेरे हिसाब से टेस्ट क्रिकेट में बस डे-नाइट टेस्ट का ही बदलाव बहुत है.’ भारतीय कप्तान को लगता है कि पांच दिवसीय में एक दिन कम करने की इच्छा सही नहीं हो सकती क्योंकि फिर इसे तीन दिवसीय करने की भी बातें होने लगेंगी.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं इसके हक में नहीं हूं. मुझे लगता है कि खेल के पारंपरिक प्रारूप के साथ यह उचित होगा. शुरू में क्रिकेट कैसे शुरू हुआ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय टेस्ट सर्वश्रेष्ठ हुआ करता था.’
कोहली ने कहा, ‘टी-20 नए प्रारूप के हिसाब से अच्छा था. मुझसे 100 गेंद के प्रारूप (ईसीबी द्वारा शुरू किए गए) के बारे में पूछा गया और मैंने कहा कि मैं नहीं जाऊंगा और खुद को एक और प्रारूप को नहीं आजमाऊंगा, क्योंकि पहले ही बहुत कुछ चल रहा है,’