सरकार और किसानो की बैठक के बाद किसान नेता हनान मुला ने कहा कि हम कानून वापसी के अलावा कुछ और नहीं चाहते. हम कोर्ट नहीं जाएंगे. कानून वापस होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं. हमारे लोकतंत्र में राज्य सभा और लोकसभा से कोई कानून पास होता तो उसका विश्लेषण करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट का है. सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई भी हो रही है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका. सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान संगठन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दें तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका.
कृषि मंत्री ने कहा कि आज की बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया.
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