पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष बन गए हैं. अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट और प्रथम श्रेणी के क्रिकेटरों की स्थिति में सुधार करने की बात कही है. गांगुली के भारतीय बोर्ड का मुखिया बनने के बाद अब यह देखना जरूरी हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में बीसीसीआई की क्या स्थिति रहती है.

जब से आईसीसी में बीसीसीआई प्रतिनिधि के रूप में एन श्रीनिवासन हटे हैं, तब से ही आईसीसी लगातार बीसीसीआई के खिलाफ कुछ न कुछ करती रही है. आईसीसी के चेयरमैन शंशाक मनोहर हैं, जो भारतीय हैं. इसके बावजूद आईसीसी में बीसीसीआई की ताकत कम होती दिख रही है.
आने वाले महीनों में गांगुली के सामने सबसे बड़ी चुनौती आईसीसी से बीसीसीआई को उसका वाजिब शेयर दिलाना है. गांगुली ने अध्यक्ष बनने के बाद वादा करते हुए कहा था, ‘अगले पांच साल में बीसीसीआई को आईसीसी से 372 मिलियन डॉलर लेने हैं, जिससे हम विश्व कप की तैयारी कर सकें, क्योंकि हमें दो विश्व कप का आयोजन करना है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह हमें मिले.’
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक नए अधिकारी ने बातचीत में कहा कि इन चीजों को संज्ञान में लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में जो कुछ हुआ है वह अब अतीत की बात है. हम कई सारे बैठकों के लिए बैठक आयोजित करेंगे और ध्यान केंद्रित करने वाले प्राथमिक क्षेत्र में से एक आईसीसी के संबंध में भारत की स्थिति होगी.’
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