ट्रंप प्रशासन गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों को रिहा करने की संभावना पर उग्रवादी फलस्तीनी समूह हमास के साथ गुप्त वार्ता कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि बंधक मामलों के लिए अमेरिका के विशेष दूत एडम बोहलर ने हाल के सप्ताहों में कतर की राजधानी दोहा में हमास के साथ सीधी वार्ता की। इससे पहले अमेरिका ने इस इस्लामी समूह के साथ सीधे संपर्क से परहेज किया था।
ट्रंप ने हमास को दी अंतिम चेतावनी
जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास को इसका अनुपालन नहीं करने पर भुगतान करने के लिए नरक की चेतावनी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास आतंकवादियों से गाजा में रखे गए सभी बंधकों को तुरंत रिहा करने के लिए कहा और अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द बंधकों को छोड़ दिया जाए।
ट्रंप ने कही ये बात
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि यह आपको आखिरी चेतावनी है! नेतृत्व के लिए, अब गाजा छोड़ने का समय है, जबकि आपके पास अभी भी मौका है। साथ ही, गाजा के लोगों के लिए: एक सुंदर भविष्य इंतजार कर रहा है, लेकिन तब नहीं जब आपने बंधक बना के रखा हो। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप मरेंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो भुगतने और नरक में जाने को तैयार रहें।
हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में सीमा पार से हमला किया था, जिससे विनाशकारी गाजा युद्ध शुरू हो गया था। इस तरह की बातचीत अमेरिका की उस नीति के विपरीत है, जो लंबे समय से चली आ रही है कि वाशिंगटन द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध समूहों के साथ सीधे संपर्क नहीं किया जाना चाहिए।
अमेरिका ने 1997 में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया था
अमेरिकी विदेश विभाग ने 1997 में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। गाजा संघर्ष में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते में मदद करने में अमेरिका की पिछली भूमिका इजरायल और कतर और मिस्त्र के मध्यस्थों के साथ काम करना रही है, लेकिन वाशिंगटन और हमास के बीच कोई प्रत्यक्ष बातचीत नहीं है।
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