नेपाल के विदेश मंत्री की नई दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी वार्ता सीमा विवाद पर केंद्रित हो सकती है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का कहना है कि उनका देश भारत और चीन के साथ अपनी संप्रभुता (Sovereignty) पर कोई समझौता नहीं करेगा. WION न्यूज चैनल के हवाले से 68 वर्षीय ओली ने कहा कि लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल (Nepal) का क्षेत्र हैं और बेहद पवित्र स्थल हैं.
उन्होंने कहा कि हम भारत या चीन के क्षेत्र पर दावा करने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन हमें अपने क्षेत्र का दावा करना चाहिए. पिछले साल ओली ने तीन भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाते हुए सीमा का एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था. ओली का ये बयान नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली की 14 जनवरी को नई दिल्ली की यात्रा से दो दिन पहले आया है. वो द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बाद भारत का दौरा करने वाले नेपाल के शीर्ष नेता है.
रविवार को ओली ने कहा था कि नई दिल्ली में ग्यावली की चर्चा सीमा मुद्दे पर केंद्रित होगी. पिछले साल नेपाल द्वारा जारी किए गए मानचित्र के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे ‘एकतरफा कृत्य’ बताया था. काठमांडू को आगाह करते हुए भारत ने कहा था कि इस तरह के ‘कृत्रिम’ क्षेत्रीय दावे स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
भारत ने कहा कि नेपाल की कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए विकल्प का उल्लंघन किया. ओली ने कहा कि मुझे विश्वास है कि 2021 एक ऐसा साल होगा जहां हम घोषणा कर पाएंगे कि भारत और नेपाल के बीच कोई समस्या नहीं है.