हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर कम होने से यूपी को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। नहर से लगे क्षेत्रों में जलसंकट बढ़ सकता है। पनबिजली योजनाएं भी प्रभावित हो रहीं हैं। बैराज पर लगभग 1800 क्यूसेक पानी होगा। तभी यूपी की सप्लाई चालू होगी।
गर्मी बढ़ने और शिवालिक की पहाड़ियों में बर्फ पिघलने से हथिनी कुंड बैराज के जलस्तर में उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। सोमवार सुबह छह बजे हथिनी कुंड बैराज पर 5616 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, वहीं 11 बजे घटकर मात्र 1352 क्यूसेक रह गया।
इसके बाद शाम छह बजे हथिनीकुंड बैराज पर 2470 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। पानी की कमी से पनबिजली परियोजनाओं को चलाने के लिए मात्र एक हजार क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है, जबकि यूपी को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
विदित हो कि अगर हथिनी कुंड बैराज पर 1800 क्यूसेक के आसपास पानी होने के बाद ही यूपी की सप्लाई चालू की जाती है। ऐसे में फिलहाल यूपी को हथिनी कुंड बैराज से पानी नहीं दिया जा रहा है, जिससे यूपी के नहरी क्षेत्रों में पानी की किल्लत बढ़ सकती है। हथिनी कुंड बैराज कार्यालय के गेज रीडर शेर सिंह के अनुसार गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
वहीं पहाड़ों में बर्फ का पिघलना भी शुरू हो गया है। इसके चलते रात के समय में पानी में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जबकि दिन में जलस्तर कम हो जा रहा है। उन्होंने बताया कि रात के समय में पानी पांच से छह क्यूसेक तक भी दर्ज किया गया, जबकि दिन में यह घटकर 1500 के आसपास रह जाता है। लगभग एक सप्ताह से यह सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि जैसे ही हथिनीकुंड बैराज पर 1800 क्यूसेक पानी होगा तो यूपी को उनके हिस्से की सप्लाई चालू कर दी जाएगी।
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