सुभाष चंद्र बोस की किताबों को एक बार फिर छापने पर विचार कर रही सरकार

सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष में उनकी किताबों को फिर से छापने तथा छात्रों के लिए फेलोशिप शुरू करने पर विचार कर रही है। जयंती वर्ष के आयोजन की शुरुआत 23 जनवरी से होगी। इसके साथ ही आइएनए के योद्धाओं को गणतंत्र दिवस परेड की अगुआई करने के लिए भी आमंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है।

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक ये प्रस्ताव संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल की अध्यक्षता में आयोजन की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में आए। बैठक में बोस परिवार के सदस्य, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आइएनए ट्रस्ट, शिक्षाविदों, इतिहासकारों तथा नेताजी से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

पटेल ने बैठक में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बोस परिवार तथा आइएनए के सदस्यों के पास बड़ी मात्रा में ऐतिहासिक दस्तावेज, क्लिपिंग, फोटो, वीडियो तथा स्मरणीय अन्य सामग्रियां हैं, जिन्हें प्रदर्शन के लिए एक जगह लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोलकाता में बोस पर एक म्यूजियम बनाने का भी प्रस्ताव है।

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