सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची और उन्हें रास्ता खोलने के लिए समझाया। हालांकि चौथे दिन की बात भी बेनतीजा ही रही और साधना रामचंद्रन को वापस लौटना पड़ा।
सीएए व एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों ने साधना से कहा कि हमारी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट आदेश दे। हमारी सुरक्षा पुलिस पर न छोड़ी जाए। प्रदर्शनकारियों ने ये भी कहा कि जामिया और शाहीन बाग के लोगों के ऊपर हुए केस को वापस लिया जाए। वहीं कल शाम प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया था कि पुलिस सुरक्षा दे तो वह रास्ता खोलने को तैयार हैं।
शुक्रवार को बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों से सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा का आश्वासन मांग लिया। वार्ताकारों ने मौके पर मौजूद शाहीन बाग एसएचओ विजय पाल से पूछा कि यदि एक ओर का रास्ता चालू हो जाए तो कोई दिक्कत तो नहीं? पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया तो प्रदर्शनकारियों ने लिखित आश्वासन मांगा।
वार्ताकारों ने नोएडा की ओर के रास्ते बंद करने पर पुलिस से नाराजगी भी जताई। उनका कहना था कि शुक्रवार को रास्ता चालू करने के बाद दोबारा क्यों बंद किया गया?
बातचीत की शुरुआत से पहले मध्यस्थों ने पुरुष प्रदर्शनकारियों को बाहर जाने को कहा, उसके बाद मंच से उतर कर महिलाओं के बीच जाकर वार्ता शुरू की। इस दौरान एक महिला ने कहा कि जामिया के छात्रों ने एक तरफ रास्ता खोला था तो उसका नतीजा पूरी दुनिया ने देखा।
जामिया की तरह अगर कोई गोली चला दे तो माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। इसलिए कोर्ट सुरक्षा का भरोसा दे तो रास्ता खाली कर देंगे। इस पर हेगड़े ने कहा, फैसला लेने का अधिकार सरकार को है। कुल मिलाकर तीसरे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारी बिना आश्वासन बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों को 24 फरवरी को रिपोर्ट देने को कहा है। इसलिए वार्ताकारों के पास केवल एक दिन बचा है। रविवार को यदि रास्ता खाली करने पर सहमति नहीं बनी तो अगली सुनवाई में इस पर कोई फैसला होगा। वार्ताकार दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से भी बातचीत कर सकते हैं।