नई दिल्ली। सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह देश में राम राज्य की स्थापना का आदेश नहीं दे सकता। कोर्ट का कहना है कि वह सीमित क्षमता के कारण चाहकर भी बहुत सी चीजें नहीं कर सकता।
सु्प्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि क्या आप सोचते हैं कि हमारे निर्देशों से सबकुछ हो जाएगा? क्या आप सोचते हैं कि हम कोई आदेश पारित करेंगे कि देश में भ्रष्टाचार नहीं होगा और भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या हमें आदेश देना चाहिए कि देश में राम राज्य होना चाहिए? ऐसा नहीं हो सकता।
पीठ देशभर में सड़कों और पैदल मार्गों पर अतिक्रमण की समस्या पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ भी हैं। पीठ ने कहा कि हम बहुत सी चीजें करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं सकते। चीजों को करने की हमारी क्षमता सीमित है। यह एक समस्या है।
शीर्ष अदालत की टिप्पणी उस समय आई जब याचिकाकर्ता एक एनजीओ ने पीठ से अपनी याचिका को खारिज नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि यदि यह अदालत कोई कार्रवाई नहीं करेगी और कोई आदेश पारित नहीं करेगी तो फिर कौन करेगा।
साभार : livetoday.online
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